दिल्ली की नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने मंगलवार को कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने पुरानी आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार को उजागर किया। दिल्ली विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद आतिशी ने कहा कि पुरानी आबकारी नीति के तहत हरियाणा और उत्तर प्रदेश से अवैध रूप से शराब लाई जाती थी।
आतिशी ने ये भी दावा किया कि सीएजी रिपोर्ट से पता चलता है कि आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा पेश की गई नई आबकारी नीति ज्यादा पारदर्शी थी और इससे दिल्ली के राजस्व संग्रह में खास बढ़ोतरी हो सकती थी, ठीक उसी तरह जैसे पंजाब में इसी नीति के कार्यान्वयन के बाद आबकारी राजस्व में कथित तौर पर 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
हालांकि, आतिशी ने आरोप लगाया कि उप-राज्यपाल, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय के हस्तक्षेप के कारण नीति ठीक से लागू नहीं हुई।
राष्ट्रीय राजधानी में शराब के विनियमन और आपूर्ति पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की निष्पादन लेखापरीक्षा रिपोर्ट में आबकारी विभाग के कामकाज और उसकी नीति में खामियां सामने आई हैं, जिसके कारण 2,026.91 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व घाटा हुआ है।
आतिशी ने नीति में बाधा डालने में उप-राज्यपाल, सीबीआई और ईडी की भूमिका की जांच की मांग की। सीएजी की रिपोर्ट - ‘दिल्ली में शराब के विनियमन और आपूर्ति पर निष्पादन लेखापरीक्षा रिपोर्ट’ - मंगलवार को नवनिर्वाचित दिल्ली विधानसभा के पहले सत्र के दौरान पेश की गई।
दिल्ली की पिछली सरकार और बीजेपी के बीच आबकारी नीति को लेकर टकराव था। एएपी नेताओं का कहना है कि इसका मकसद राजस्व बढ़ाना था, जबकि बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर अनियमितताओं का आरोप लगाया था। राजधानी में ये विवाद एक प्रमुख राजनैतिक मुद्दा बना हुआ है।