Breaking News

तमिलनाडु के कड्डालूर में घर की दीवार गिरी, दो महिलाओं की मौत     |   BCCI अब ICC के सामने एशिया कप ट्रोफी का मुद्दा उठाएगा     |   बंगाल: चुनाव ड्यूटी का पालन न करने पर लगभग 1,000 बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी     |   बिहार: RJD के पूर्व विधायक अनिल कुमार सहनी बीजेपी में शामिल     |   पंजाब में छह आईएएस अधिकारियों का तबादला     |  

छत्तीसगढ़ ने दिखाई राह, बालोद बना देश का पहला बाल विवाह मुक्त जिला

Chhattisgarh: बाल विवाह एक ऐसी सामाजिक बुराई है, जो बच्चों से उनका बचपन और सुनहरा भविष्य छीन लेती है। लेकिन अब बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'बाल विवाह मुक्त भारत' प्रयास के तहत छत्तीसगढ़ का बालोद ज़िला एक मिसाल बनकर उभरा है। पूरे देश में ये पहला जिला है, जिसे बाल विवाह मुक्त घोषित किया गया है। राज्य सरकार के लगातार प्रयासों और जन सहयोग से यह संभव हो सका है। अब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वर्ष 2028-29 तक पूरे छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है।

बालोद जिले की 436 ग्राम पंचायतें और 9 नगरीय निकाय अब बाल विवाह मुक्त घोषित हो चुके हैं। पिछले दो सालों में यहां एक भी बाल विवाह का मामला सामने नहीं आया। यह सफलता प्रशासन, पंचायतों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पूरे समुदाय की मिलकर की गई मेहनत का परिणाम है। पुलिस और प्रशासन ने लगातार जागरूकता अभियान चलाए और लोगों को कानून की जानकारी दी।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने यूनिसेफ के सहयोग से न केवल तकनीकी सहायता दी, बल्कि शिक्षा और संवाद के ज़रिए ग्रामीण समाज को भी जागरूक किया गया। एनएफएचएस-4 के मुताबिक राज्य में बाल विवाह का प्रतिशत लड़कियों में 21.3% और लड़कों में 26.9% था। एनएफएचएस-5 में यह घटकर लड़कियों में 12.1% और लड़कों में 16.2% रह गया। यानी बाल विवाह में लड़कियों में 9.2% और लड़कों में 10.7% की कमी आई है। यह कमी सरकार, गैर-सरकारी संगठनों और समाज की साझेदारी से संभव हुई।