केरल के इडुक्की में मरयूर और कंथल्लूर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर हैं, जिसमें हरे-भरे चंदन के जंगल और प्राचीन डोलमेन (मुनियारा) शामिल हैं। मानसून के दौरान राजसी पम्बर नदी के बहाव के बदौलत यहां के दृश्य और भी मनमोहक हो जाते हैं। पम्बर नदी केरल से होकर लगभग 29 किलोमीटर बहती है और फिर तमिलनाडु में प्रवेश करती है। इसका उद्गम देवीकुलम से होता है और इसकी कई महत्वपूर्ण सहायक नदियां हैं, जिनमें एराविकुलम, मैलाडी, तीर्थमाला, चंगालार और थेनार नदियां शामिल हैं। इसका एक प्रमुख आकर्षण थुवनम जलप्रपात है।
हालांकि गर्मियों में इसका जलस्तर अक्सर कम हो जाता है, लेकिन मानसून इसका बहाव बढ़ जाता है। पहाड़ी गाँव मरयूर से होकर बहते हुए ये नदी पर्यटकों को और अधिक आकर्षित करती है। कुछ हिस्सों में ये चौड़ी नदी की तरह फैलती है, जबकि अन्य में यह चट्टानों से झागदार छोटे झरनों के रूप में गिरती है। हालांकि ये नजारे बेहद सुंदर है, लेकिन स्थानीय लोग चेतावनी देते हैं कि इसका प्रवाह खतरनाक हो सकता है।
केरल: मानसून की बारिश के बाद पम्बर नदी पूरे उफान पर
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