भारत की ग्रैंडमास्टर वैशाली रमेशबाबू का महिला शतरंज विश्व कप का सफर खत्म हो गया है। वैशाली रमेशबाबू को क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। लेकिन उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें विश्व स्तर पर एक मजबूत शतरंज खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। वैशाली रमेशबाबू की इस उपलब्धि से भारतीय शतरंज को भी मजबूती मिली है। वैशाली रमेशबाबू एक प्रमुख शतरंज खिलाड़ी हैं जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलताएं हासिल की हैं।
वहीं, कोनेरू हम्पी ने फिडे महिला चेस वर्ल्ड के सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास कायम किया है। कोनेरू हम्पी देश की पहली महिला चेस प्लेयर बन गई हैं जो विश्व कप के अंतिम 4 में पहुंची हैं। कोनेरू हम्पी ने चीन की अंतरराष्ट्रीय मास्टर युक्सिन सोंग को चित करके फिडे महिला शतरंज विश्व कप के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। कोनेरू हम्पी की इस उपलब्धि ने उन्हें विश्व स्तर पर एक मजबूत शतरंज खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। कोनेरू हम्पी ने अपने खेल से लोगों को प्रेरित किया है और आगे भी करती रहेंगी। कोनेरू हम्पी की कहानी उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो शतरंज में अपना करियर बनाना चाहते हैं। कोनेरू हम्पी ने इतिहास रच दिया है और उनकी इस उपलब्धि को हमेशा याद रखा जाएगा।
वैशाली रमेशबाबू ने 2023 FIDE ग्रैंड स्विस जीतकर कैंडिडेट्स के लिए क्वालीफाई किया था। वैशाली रमेशबाबू की FIDE रेटिंग 2490 है, जो उन्हें विश्व स्तर पर 691वें स्थान पर रखती है। वैशाली रमेशबाबू की उपलब्धियों ने उन्हें विश्व स्तर पर एक मजबूत शतरंज खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। वैशाली रमेशबाबू की इस उपलब्धि से भारतीय शतरंज को भी मजबूती मिली है। वे एक सच्ची प्रेरणा हैं और उनकी उपलब्धियों को हमेशा याद रखा जाएगा। वैशाली रमेशबाबू ने अपने खेल से लोगों को प्रेरित किया है और आगे भी करती रहेंगी।