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ध्यान आंतरिक शांति, भावनात्मक स्थिरता की ओर ले जाता है: उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन

हैदराबाद, 21 दिसंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने रविवार को कहा कि ध्यान एक ऐसा सार्वभौमिक अभ्यास है जो सांस्कृतिक, भौगोलिक और धार्मिक सीमाओं से परे होकर आंतरिक शांति, मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक स्थिरता की ओर ले जाता है।

तेलंगाना के कन्हा शांति वनम में विश्व ध्यान दिवस कार्यक्रम में राधाकृष्णन ने कहा कि भारत में ध्यान सिर्फ एक अभ्यास नहीं है, बल्कि यह एक प्राचीन विज्ञान है, मन और आत्मा के लिए एक ऐसी विधा है जो सदियों से जारी है।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 'विकसित भारत 2047' का दृष्टिकोण सिर्फ देश की आर्थिक प्रगति के लिए नहीं है, बल्कि यह भारतवासियों की भावनात्मक भलाई और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी है।

उपराष्ट्रपति ने कहा, “ध्यान एक सार्वभौमिक अभ्यास है जो सांस्कृतिक, भौगोलिक व धार्मिक सीमाओं से परे है। यह एक ऐसा मार्ग है जो आंतरिक शांति, मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक स्थिरता की ओर ले जाता है।”

भाषा जोहेब प्रशांत

प्रशांत