न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, 10 सितंबर (भाषा) अमेरिका की प्रभावशाली सीनेटर जीन शाहीन ने रूस से तेल आयात को लेकर भारत को ‘‘धमकी’’ देने के लिए ट्रंप प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा है कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि नयी दिल्ली और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वर्षों में बने संबंध को कुछ ही महीनों में बिगाड़ दिया गया।
डेमोक्रेटिक पार्टी की सीनेटर जीन शाहीन की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है। इसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है।
न्यू हैम्पशायर से सीनेटर शाहीन ने मंगलवार को वाशिंगटन में ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ में अपने संबोधन में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारी विदेश नीति को हमेशा अमेरिका के हितों को आगे बढ़ाना चाहिए, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों ने ऐसा नहीं किया है। इसके बजाय, उनकी नीतियों ने छह दशकों के उस प्रयासों को बर्बाद कर दिया है जिसने अमेरिका को सम्मानित और प्रभावशाली बनाया था।’’
जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका को रूस से तेल खरीदने पर भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत शुल्क की तरह चीन पर भी शुल्क लगाना चाहिए, तो उन्होंने कहा, 'हां, मैं भी ऐसा ही मानती हूं।'
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ने ऐसा इसलिए नहीं किया, क्योंकि जब उन्होंने पहले चीन पर शुल्क लगाने की बात की थी, तो चीन ने कहा था, 'ठीक है, अगर आप ऐसा करना चाहते हैं, तो हम आपको महत्वपूर्ण खनिज नहीं देंगे। हम उन तमाम वस्तुओं की आपूर्ति रोक देंगे जिन पर अमेरिका हम पर निर्भर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यही कुछ हद तक हो रहा है...और मेरे विचार में यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत और प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी के साथ वर्षों तक जिस संबंध को बनाने की कोशिश की गई, वह कुछ ही महीनों में बिगाड़ दिया गया है।’’
सीनेट की विदेश संबंध समिति की एक वरिष्ठ सदस्य एवं सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति की एक वरिष्ठ सदस्य शाहीन ने ट्रंप की विदेश नीति में 'स्पष्ट' 'विरोधाभासों' को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम ब्राजील पर शुल्क लगा रहे हैं, जबकि उस देश के साथ व्यापार में अमेरिका की अधिशेष की स्थिति (ट्रेड सरप्लस) है। हम रूस से तेल आयात को लेकर भारत को धमका रहे हैं, लेकिन जब बात चीन की आती है, तो हम आंखें मूंद लेते हैं। ’’
शाहीन ने हाल ही में चीन के तियानजिन में संपन्न शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और शिखर सम्मेलन से मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की तस्वीर का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको बस पिछले हफ़्ते शंघाई शिखर सम्मेलन से आई उन तस्वीरों को देखना था' जिसमें मोदी, शी और पुतिन 'हाथ पकड़े हुए' थे।
भारत ने अमेरिका के शुल्क लगाने के कदम को 'अनुचित, अनुचित और अविवेकपूर्ण' बताया है।
भाषा अमित माधव
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