ग्वांग्जू (दक्षिण कोरिया), 10 सितंबर (भाषा) भारतीय रिकर्व तीरंदाजों को विश्व चैंपियनशिप में एक बार फिर निराशा हाथ लगी जब बुधवार को महिला टीम कांस्य पदक के प्लेऑफ में दक्षिण कोरिया से हार गई जबकि मिश्रित जोड़ी और पुरुषों की व्यक्तिगत स्पर्धा में भी उम्मीदें टूट गईं।
विश्व चैंपियनशिप में एक दशक के पदक के सूखे को खत्म करने उतरी दीपिका कुमारी, गाथा खडके और अंकित भकत की भारतीय तिकड़ी को दक्षिण कोरिया के खिलाफ 3-5 से हार झेलनी पड़ी।
दक्षिण कोरिया की टीम ने काफी गल्तियां की लेकिन भारतीय तिकड़ी इसका फायदा उठाने में नाकाम रही और 3-3 से मुकाबला बराबर होने के बावजूद कांस्य पदक जीतने में नाकाम रहीं।
पहला सेट 51-54 से गंवाने के बाद भारतीय टीम ने चार बार 10 अंक से दूसरा सेट 57-57 से बराबर करके लगातार 10 ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाली कोरिया की टीम पर दबाव डाला।
भारतीय टीम ने तीसरा सेट 57-54 से जीतकर स्कोर 3-3 किया लेकिन तोक्यो की तिहरी ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता आन सान और पेरिस ओलंपिक चैंपियन लिन सी हियोन की अगुआई में कोरिया ने चौथा सेट 56-54 से जीतकर कांस्य पदक अपने नाम किया।
मिश्रित वर्ग में दीपिका और नीरज चौहान को बेहद कड़े मुकाबले में शूट ऑफ में नानामी आसाकुनो और युकी कवाता की जापान की जोड़ी के खिलाफ 4-5 (18-19) से शिकस्त झेलनी पड़ी।
भारतीय पुरुष तीरंदाज पहले ही व्यक्तिगत वर्ग से बाहर हो चुकें हैं और कम्पाउंड टीम ने अपना अभियान समाप्त कर लिया है इसलिए भारतीय रिकर्व दल अब महिला व्यक्तिगत वर्ग में कुछ सम्मान बचाने की उम्मीद करेगा।
भारत ने अब तक दो पदक जीते हैं जो दोनों कम्पाउंड वर्ग में आए हैं। पुरुष टीम ने इस प्रतियोगिता में पहली बार स्वर्ण पदक जीता जबकि ऋषभ यादव और ज्योति सुरेखा वेन्नाम ने मिश्रित टीम वर्ग में रजत पदक हासिल किया।
पुरुष तीरंदाजों में पदार्पण कर रहे राहुल ने सबसे अधिक प्रभावित किया। उन्होंने तीसरे दौर में जगह बनाई लेकिन शूट ऑफ में जॉर्जिया के एलेक्सांद्रे मचावरियानी के खिलाफ 5-6 (8-10) से हार गए।
भारतीय टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी और ओलंपियन धीरज बोम्मादेवरा को सबसे कड़ा ड्रॉ मिला। उन्हें पहले दौर में ही पूर्व ओलंपिक चैंपियन तुर्की के मेट गेजोज का सामना करना पड़ा और भारतीय खिलाड़ी एकतरफा मुकाबले में 2-6 से हार गया।
नीरज को भी एकतरफा मुकाबले में उज्बेकिस्तान के बोबराजाबोव बेकजोद के खिलाफ सीधे सेट में 0-6 से हार झेलनी पड़ी।
भाषा सुधीर मोना
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