नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने नेपाल में विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई लोगों की मौत होने पर बुधवार को दुख जताया और कहा कि संविधान में निहित उन लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की रक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए जो राजशाही के खिलाफ एक लंबे और कड़े संघर्ष के माध्यम से हासिल किए गए थे।
वामपंथी दल ने एक बयान में यह भी कहा कि के. पी. शर्मा ओली सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयासों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
उसने पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनल की पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्रकार की हत्या की भी निंदा की।
बयान में कहा गया है, ‘‘माकपा नेपाल में विरोध प्रदर्शनों के दौरान 20 युवाओं की जान जाने पर गहरा दुख व्यक्त करती है। ये विरोध प्रदर्शन लोगों, विशेषकर युवाओं, की बढ़ती शिकायतों से उपजे व्यापक गुस्से को दर्शाते हैं, जो उनकी वास्तविक समस्याओं को हल करने और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने में लगातार सरकारों की बार-बार विफलताओं के खिलाफ हैं।’’
माकपा ने कहा कि कि सत्तारूढ़ हलकों में व्याप्त भ्रष्टाचार, बढ़ती बेरोज़गारी और मुख्यतः युवा आबादी के लिए रोज़गार के अवसरों की कमी विरोध प्रदर्शनों के प्रमुख कारणों में हैं।
वामपंथी दल ने कहा कि नेपाल के युवाओं की शिकायतों को तुरंत सुना जाना चाहिए और उनके समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।
उसने इस बात पर जोर भी दिया, ‘‘साथ ही, संविधान में निहित उन लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की रक्षा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए, जो राजशाही के ख़िलाफ़ एक लंबे और कड़े संघर्ष के माध्यम से हासिल किए गए थे।’’
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