कोलकाता, 10 सितंबर (भाषा) ऋण बाजार में बॉन्ड प्रतिफल में मजबूती के कारण कंपनियां अपनी कर्ज जरूरतों को पूरा करने के लिए वाणिज्यिक बैंकों की ओर लौट सकती हैं। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एसबीआई के प्रबंध निदेशक (अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग और वैश्विक) राम मोहन राव अमारा ने कहा कि कंपनियां अब अपनी ऋण की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकों की ओर रुख कर रही हैं।
अमारा ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने देखा है कि वर्तमान तिमाही में ऋण पत्र (डेट पेपर) के निर्गम की मात्रा में कमी आई है। पहली तिमाही में तीन लाख करोड़ रुपये के निर्गम हुए थे, जो अब कम हो गए हैं क्योंकि प्रतिफल बढ़ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दस साल का प्रतिफल 6.6 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जबकि राज्य सरकारों के 30 साल के बॉन्ड के प्रतिफल 7.5 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। अगर प्रतिफल इसी तरह बढ़ते रहे तो कंपनियां ऋण के लिए बैंकों के पास वापस आएंगी।’’
उन्होंने कहा कि यह एक गतिशील स्थिति है और इसका आकलन करने की आवश्यकता है।
अमेरिका द्वारा उच्च शुल्क लगाए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव का पता चालू तिमाही में लगाया जा सकता है।
इससे पहले, अमारा ने कहा था कि घरेलू बैंकों के पास वृद्धि को वित्तपोषित करने के लिए पर्याप्त पूंजी है। बैंक नवीकरणीय ऊर्जा और स्टार्ट-अप जैसे उभरते क्षेत्रों को ऋण देने के इच्छुक हैं।
भाषा योगेश अजय
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