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तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने दिनाकरन, सेंगोट्टैयन का समर्थन किया

मदुरै (तमिलनाडु), 10 सितंबर (भाषा) तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने बुधवार को अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम (एएमएमके) प्रमुख टी टी वी दिनाकरन और अन्नाद्रमुक नेता के ए सेंगोट्टैयन का समर्थन किया और साथ ही स्पष्ट किया कि उनकी अन्नाद्रमुक में फिर से शामिल किए जाने की कोई विशेष मांग नहीं है।

पनीरसेल्वम ने कहा कि वह अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) में एकीकरण के प्रयासों का दिल से स्वागत करते हैं और पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हैं।

उन्होंने मदुरै में संवाददाताओं से कहा, ‘‘सबके मन में एकजुट होने का विचार है और वही होगा और केवल तभी पार्टी के संस्थापक एमजीआर और दिवंगत प्रमुख अम्मा के आदर्श साकार हो सकते हैं।

उन्होंने मदुरै में संवाददाताओं से यह बात सेंगोट्टैयन के संदर्भ में कही, जिन्हें पार्टी के पदों से इसलिए हटा दिया गया था, क्योंकि उन्होंने पार्टी को मजबूत करने के लिए निष्कासित नेताओं को वापस लाने के लिए 10 दिन की समयसीमा दी थी।

सेंगोट्टैयन के निष्कासित नेताओं को वापस लाने के रुख पर पनीरसेल्वम ने विश्वास जताया कि यह सफल होगा। उन्होंने कहा, 'मेरी शुभकामनाएं, उनकी मांगें सफल हों।’’

एएमएमके प्रमुख दिनाकरन के इस रुख के बारे में पूछे जाने पर कि यदि यह घोषणा की जाती है कि ई. के. पलानीस्वामी 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं तो वह फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने पर विचार करेंगे, पन्नीरसेल्वम ने कहा कि यह एक 'अच्छी राय' है।

उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति में कोई दोस्त या दुश्मन नहीं होता, भविष्य में कुछ भी हो सकता है।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अन्नाद्रमुक में फिर से शामिल होने की उनकी कोई विशेष मांग नहीं है। यह पूछे जाने पर कि यदि उन्हें अन्नाद्रमुक में वापस ले लिया जाता है, तो क्या वह पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार स्वीकार करेंगे, पनीरसेल्वम ने कहा, ‘‘कई मुद्दों पर चर्चा करनी होगी।’’

अन्नाद्रमुक नेतृत्व के मुद्दे से जुड़े 'छह मामले' अदालत में लंबित हैं और ऐसे मामले 'हमारे धर्मयुद्ध का आधार' हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जब विधानसभा चुनाव नजदीक आएंगे, तो राजनीति में बदलाव होंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा ने राजनीतिक उद्देश्यों से अन्नाद्रमुक को विभाजित करने की कोशिश की, उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अभी तक दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं से कोई निमंत्रण नहीं मिला है, जैसा सेंगोट्टैयन को मिला मिला था।

नौ सितंबर को, सेंगोट्टैयन ने कहा कि उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह और निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और उन्हें निष्कासित नेताओं को वापस लाकर अन्नाद्रमुक को एकजुट और मजबूत करने के बारे में जानकारी दी।

दिवंगत पार्टी प्रमुख जे जयललिता के विश्वासपात्र पनीरसेल्वम, वी के शशिकला और उनके करीबी रिश्तेदार टी टी वी दिनाकरन प्रमुख नेता थे जिन्हें अन्नाद्रमुक से निष्कासित कर दिया गया था।

भाषा अमित माधव

माधव