फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्यभर में अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त निर्देश दिए जाने के बावजूद फतेहपुर जिले में प्रशासनिक लापरवाही साफ नजर आ रही है। जिले में 41 अवैध मदरसों की पहचान हो चुकी है, लेकिन अब तक सिर्फ नोटिस जारी करने तक ही प्रशासनिक कार्रवाई सीमित रह गई है। इन मदरसों पर अब भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे प्रशासन की उदासीनता और ढीले रवैये पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
फतेहपुर जिले के तीन प्रमुख क्षेत्रों में ये अवैध मदरसे धड़ल्ले से चल रहे हैं। खागा तहसील में 3, बिंदकी में 22, और सदर तहसील में 16 मदरसे बिना किसी मान्यता के संचालित हो रहे हैं। बिंदकी तहसील की हालत सबसे चिंताजनक है, जहां 22 अवैध मदरसे खुलेआम चल रहे हैं। इनमें से एक मामला मलवां कस्बे का है, जहां कुछ दिनों पहले ही एक मदरसे में एक छात्र के साथ कुकर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस दर्दनाक घटना के बावजूद, प्रशासन ने मदरसों पर कड़ी कार्रवाई करने के बजाय महज नोटिस भेजने तक ही अपने कर्तव्यों को निभाया है।
प्रशासन की निष्क्रियता और सुरक्षा का सवाल
इस गंभीर स्थिति पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रशांत साहू ने बताया कि अवैध मदरसों की जांच के लिए जिला स्तर पर एक कमेटी का गठन किया गया है। हालांकि, इस कमेटी के गठन के बावजूद अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, और अवैध मदरसे बिना किसी रुकावट के चलते आ रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण इन मदरसों में बच्चों की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है। मलवां की घटना ने स्पष्ट किया है कि अवैध मदरसों में न केवल बच्चों का भविष्य अधर में है, बल्कि उनकी जान को भी जोखिम है। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद भी प्रशासन की तरफ से इन मदरसों पर सख्त कार्रवाई का अभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
प्रशासनिक कार्रवाई का इंतजार
फतेहपुर जिले के लोग अब प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और अवैध रूप से संचालित इन मदरसों पर रोक लगाई जा सके।