मशहूर शिकारी जिम कॉर्बेट से जुड़े डाक बंगलों के अलावा अन्य वस्तुओं को हेरिटेज का रूप दिया जाएगा। चंपावत जिले में आने वाले लोग शिकारी कॉर्बेट के इतिहास और कार्यशैली को करीब से जान सकेंगे। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया की जानी है।
कुमाऊं और गढ़वाल के निवासी पिछली शताब्दी के दशकों में नरभक्षी बाघों व तेंदुओं के आतंक से ग्रसित थे। तब जिम कॉर्बेट ने 1907 में चंपावत में वर्तमान जिला मुख्यालय के पास अपने जीवन के पहले नरभक्षी बाघिन का शिकार कर यहां के लोगों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी। इस बाघिन ने 436 लोगों की जान ली थीं जो कि गिनीज बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज है।