Jharkhand: झारखंड के युवा बदलते समय के साथ खुद को बेहतर तरीके से तैयार कर सकें, इसमें मुख्यमंत्री सारथी योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सरकार द्वारा संचालित कौशल केंद्र इस पहल का मुख्य आधार बनकर उभरे हैं, जहाँ आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण प्राप्त कर युवा नए रोजगार के अवसरों से जुड़ रहे हैं।
कांके स्थित दीनदयाल उपाध्याय कौशल केंद्र ऐसा ही एक प्रमुख संस्थान है, जहाँ करीब 900 युवक-युवतियां विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण ले रहे हैं। यहाँ ड्रोन ऑपरेशन से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों की असेंबली जैसे कोर्सों की थ्योरी और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जा रही है। इन कोर्सेज में दक्ष होकर युवा न केवल अपना भविष्य संवार रहे हैं, बल्कि अपने कौशल को आजीविका का साधन भी बना रहे हैं।
इस केंद्र में युवाओं को ड्रोन बनाने से लेकर उसे उड़ाने तक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ड्रोन टेक्नोलॉजी आने वाले समय में कृषि और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में बेहद महत्वपूर्ण होगी, जहाँ रोजगार के कई अवसर होंगे, और ये युवा इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
कैंपस में बने फोर व्हीलर सर्विस स्टेशन में युवा फोर व्हीलर सर्विस असिस्टेंट और इलेक्ट्रिक व्हीकल असेंबली ऑपरेटर की ट्रेनिंग ले रहे हैं। यहाँ ये विशेष रूप से इलेक्ट्रिक व्हीकल—ई-रिक्शा बनाना सीख रहे हैं, क्योंकि भविष्य इलेक्ट्रिक वाहनों का है, इसलिए समय के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए वे खुद को इस तकनीक में दक्ष बना रहे हैं।
इस कौशल केंद्र में एक ऐसा विभाग भी है, जहाँ युवक-युवतियाँ हेल्थकेयर का प्रशिक्षण ले रहे हैं। चार से पाँच महीने की इस ट्रेनिंग में उन्हें प्रारंभिक उपचार और मरीजों की देखभाल से जुड़े कौशल सिखाए जाते हैं, ताकि तेजी से उभर रहे हेल्थकेयर सेक्टर में वे कौशल के आधार पर रोजगार प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री सारथी योजना की सबसे बड़ी ताकत है, युवाओं को रोजगार से जोड़ना। इस योजना के तहत छात्रों को निःशुल्क हॉस्टल और भोजन की सुविधा दी जाती है। साथ ही, यदि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद भी उन्हें रोजगार नहीं मिलता है, तो रोजगार भत्ता भी दिया जाता है। इन योजनाओं ने युवाओं को नई ऊर्जा और विश्वास दिया है, जिससे वे अपने भविष्य की ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार हो रहे हैं।