Maharashtra: महाराष्ट्र में लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में राज्य के कई जिलों में फसलों और घरों को भारी नुकसान पहुंचा है। अब तक 7 लोगों की मौत और 10 लोग घायल हो चुके हैं।
69 लाख एकड़ फसल बर्बाद
राज्य के कृषि विभाग के शुरुआती अनुमान के मुताबिक, 30 जिलों में 69.95 लाख एकड़ फसल बर्बाद हुई है। सबसे ज़्यादा नुकसान वाले जिलों में नांदेड़ (18.20 लाख एकड़), सोलापुर (9.95 लाख एकड़), यवतमाल (8.56 लाख एकड़) और धाराशिव (8.29 लाख एकड़) शामिल हैं।
राहत और मुआवज़ा
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि प्रभावित किसानों के लिए 2,215 करोड़ रुपये का मुआवज़ा पैकेज मंज़ूर किया गया है। इसमें से 1,829 करोड़ रुपये पहले ही ज़िलों को आवंटित कर दिए गए हैं और 8-10 दिनों में किसानों के बैंक खातों में पहुंच जाएंगे।
उन्होंने कहा, "जैसे ही पंचनामा पूरे होते हैं, तुरंत मदद दी जा रही है। जिला कलेक्टरों को सीधे मुआवज़ा देने का अधिकार दिया गया है।"
राहत और बचाव कार्य
NDRF और SDRF की 17 टीमें प्रभावित इलाकों में तैनात हैं। अब तक 27 लोगों को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित निकाला गया है। कई गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है और उनके लिए खाना, पानी और रहने की व्यवस्था की गई है।
आगे की तैयारी
27 और 28 सितंबर को फिर भारी बारिश की संभावना जताई गई है। सरकार ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। मुख्यमंत्री बुधवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे, जबकि सभी गार्जियन मंत्री अपने-अपने ज़िलों में हालात का जायज़ा लेंगे।
विपक्ष का हमला
वहीं कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार से राज्य में “गीला सूखा (Wet Drought)” घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसानों को 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवज़ा दिया जाए और मौजूदा फसल बीमा योजना की खामियों पर भी सवाल उठाए।