शासन के बार-बार निर्देशों के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंक विभिन्न सरकारी योजनाओं में ऋण वितरण के मामले में कंजूसी बरत रहे हैं। नतीजा यह है कि कई जिलों में राष्ट्रीयकृत बैंकों का ऋण जमा अनुपात (सीडी रेशो) प्राइवेट बैंक से काफी पीछे है। यह खुलासा मंगलवार को राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की समीक्षा बैठक में हुआ।
सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने सीडी रेशो कम होने पर असंतोष जाहिर किया और इसमें सुधार लाने के लिए सूक्ष्म स्तर पर योजना बनाने और इसकी गहन समीक्षा करने के निर्देश दिए। राज्य सचिवालय में हुई बैठक में उन्होंने राष्ट्रीयकृत बैंकों को निर्देश दिए कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और स्वरोजगारपरक गतिविधियों को ऋण देना अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखें।