मंडी जिले में सोमवार रात और मंगलवार सुबह बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। करसोग, सराज और धर्मपुर इलाकों में तेज बारिश और भूस्खलन से जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। करसोग क्षेत्र में तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 30 से अधिक लोग लापता हैं। कई घर, गौशालाएं और वाहन मलबे में दबकर नष्ट हो गए हैं। भारी बारिश के कारण कीरतपुर-मनाली फोरलेन बंद हो गई है, जिससे बड़ी संख्या में लोग रास्ते में फंसे हुए हैं। प्रशासन द्वारा फंसे हुए लोगों को पानी और आवश्यक सहायता पहुंचाई जा रही है।
मंडी जिले के सभी स्कूल और कॉलेज एक दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं। मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटे के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। मंडी के पद्धर क्षेत्र में स्थित एक कुष्ठ रोगी आश्रम में पानी भर गया था, लेकिन पुलिस और एसडीआरएफ की टीमों ने अभियान चलाकर 12 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
लगातार बारिश के कारण ब्यास नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। इस वजह से लारजी और पंडोह डैम के गेट खोलने पड़े हैं। बिजली परियोजनाएं एहतियातन बंद कर दी गई हैं ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। धर्मपुर के लौंगनी गांव में भी बादल फटने की घटना हुई, जिसमें 10 से अधिक घर और गौशालाएं बह गईं। खेतों में लगी फसलें नष्ट हो गई हैं और क्षेत्र में बिजली व संचार सेवाएं ठप हो गई हैं। प्रभावित गांवों के लोगों को राहत शिविरों में भेजा जा रहा है।
मंडी शहर के थनेहड़ा इलाके में नाला बंद हो जाने से पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया। प्रशासन ने रात में ही रेस्क्यू अभियान शुरू किया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि राहत-बचाव कार्य के लिए टीमें सक्रिय हैं और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। कुल्लू जिले के स्याज क्षेत्र से 9 लोगों के बह जाने की खबर मिली है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हालात पर चिंता जताते हुए प्रशासन को तुरंत राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।