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1993 ब्लास्ट केस: अजमेर के टाडा कोर्ट ने अब्दुल करीम टुंडा को किया बरी, दो और आरोपित दोषी करार

Rajasthan: अजमेर के टाडा कोर्ट ने दिसंबर 1993 में तीन ट्रेनों में हुए ब्लास्ट मामले में अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया है। कोर्ट ने दो और आरोपितों इरफान और हमीरुद्दीन को दोषी ठहराया और जल्द ही उनकी सजा पर फैसला सुनाया जाएगा। पांच और छह दिसंबर, 1993 को लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई में ट्रेनों में बम रखने के लिए टाडा कोर्ट ने 30 सितंबर, 2021 को आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए थे।

तीन ट्रेनों, नई दिल्ली-हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस, सूरत-बड़ौदा फ्लाइंग क्वीन एक्सप्रेस और हैदराबाद-नई दिल्ली एपी एक्सप्रेस में हुए विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई और कम से कम 22 लोग घायल हो गए थे। अब्दुल करीम टुंडा गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का करीबी सहयोगी था।

अब्दुल करीम टुंडा के वकील शफतुल्लाह सुल्तानी ने कहा कि "अब्दुल करीम टुंडा पूर्णतया निर्दोष हैं। माननीय न्यायालय ने आज ये फैसला दिया है। अब्दुल करीम टुंडा को ऑनरेबल कोर्ट ने हर धारा, हर सेक्शन, हर एक्ट से बरी किया है। सीबीआई, प्रॉसीक्यूशन अदालत में अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ टाडा एक्ट, आईपीसी, रेलवेज एक्ट, आर्म्स एक्ट, विध्वंसक विस्फोटक अधिनियम, किसी मामले में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी। किसी मामले में मेरा कहना था, मेरे मुवक्किल का कहना था कि अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है, अब्दुल करीम टुंडा की निर्दोषिता आज न्यायालय में फिर साबित हुई है।"