आईपीएल 2025 के सीजन के दौरान सट्टेबाजी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसी क्रम में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप के जरिए सट्टेबाजी कर रहे 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ़्तारी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और आसपास के इलाकों में हुई, जहां आरोपी एक नेटवर्क के जरिए ऑनलाइन सट्टेबाजी को संचालित कर रहे थे। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि आईपीएल के मैचों के दौरान कुछ लोग ऑनलाइन सट्टा चला रहे हैं। इस सूचना पर साइबर क्राइम सेल और लोकल पुलिस की टीम ने संयुक्त छापेमारी की। छापेमारी के दौरान 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से कई मोबाइल फोन, लैपटॉप, रजिस्टर, नकदी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए।
जांच में पता चला है कि आरोपी 'महादेव ऑनलाइन बुक ऐप' के जरिए आईपीएल मैचों पर सट्टा लगा रहे थे। यह वही महादेव ऐप है जो पहले भी कई हाई-प्रोफाइल ऑनलाइन सट्टेबाजी मामलों में सामने आ चुका है। इस ऐप के जरिए लोग व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य माध्यमों से जुड़कर मैच के हर ओवर और गेंद पर सट्टा लगाते थे। गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ लोग ग्राहकों को जोड़ने का काम करते थे, तो कुछ लोग खातों के जरिए पैसों का लेनदेन संभालते थे। इनके पास से पुलिस ने 12 से ज्यादा मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 3 रजिस्टर और 2 लाख से अधिक की नकदी बरामद की है। आरोपियों के पास से मिले डिवाइसेज से कई अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिनके जरिए इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों तक भी पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ जुआ अधिनियम और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही, महादेव ऐप से जुड़े तकनीकी लिंक को खंगालने के लिए साइबर एक्सपर्ट्स की मदद ली जा रही है। पुलिस का कहना है कि यह नेटवर्क अंतरराज्यीय हो सकता है और इसकी जड़ें देश के अन्य हिस्सों में भी फैली हो सकती हैं। इसलिए आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
हर साल आईपीएल के दौरान सट्टेबाजी के मामलों में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिलती है। खासकर ऑनलाइन माध्यमों के जरिए सट्टेबाज़ों का नेटवर्क और भी मजबूत हो गया है। महादेव जैसे ऐप इन गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक लोकप्रिय माध्यम बन चुके हैं, जिससे न केवल बड़े शहरों में, बल्कि छोटे कस्बों तक भी सट्टेबाजी का जाल फैल चुका है। 14 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को उम्मीद है कि इस रैकेट से जुड़े और भी कई कड़ियाx जल्द सामने आएंगी। यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ एजेंसियां सख्त हैं और ऐसे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने की कोशिश जारी है।