भारतीय संस्कृति में तुलसी का स्थान अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है। तुलसी केवल एक पौधा नहीं, बल्कि एक देवी के रूप में पूजनीय है। इसे 'विष्णुप्रिया' भी कहा जाता है, क्योंकि यह भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। घर में तुलसी का पौधा होना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ होता है, बल्कि यह वैज्ञानिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभकारी माना गया है।
धार्मिक महत्व
तुलसी पूजन का विशेष महत्व है। विशेषकर हर मंगलवार और कार्तिक माह में तुलसी पूजा करने से पापों का नाश होता है और सुख-समृद्धि का वास होता है। तुलसी विवाह (तुलसी-शालिग्राम विवाह) भी हिंदू परंपरा का एक विशेष पर्व है, जो धार्मिक और पारिवारिक सुख-शांति के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि नियमित तुलसी पूजन से लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त होती है।
स्वास्थ्य लाभ
तुलसी को आयुर्वेद में 'जड़ी-बूटी की रानी' कहा गया है। इसके पत्तों का सेवन करने से सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और सांस संबंधी रोगों में राहत मिलती है। तुलसी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। रोजाना तुलसी के 4-5 पत्ते चबाने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और कई बीमारियों से बचाव होता है।
वास्तु और पर्यावरण में योगदान
वास्तुशास्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा घर के उत्तर-पूर्व दिशा में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। तुलसी हवा को शुद्ध करने में भी मदद करती है और वातावरण को सकारात्मक बनाए रखती है। तुलसी ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने में सहायक होती है, जिससे घर का वातावरण शुद्ध और ताजगी से भरा रहता है।