उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक 13 साल के मुस्लिम बच्चे की भगवान शिव में अटूट श्रद्धा ने हर किसी को चकित कर दिया है। मोहम्मद जैद नाम का यह बच्चा न केवल भगवान शिव की भक्ति करता है, बल्कि महाशिवरात्रि पर व्रत रखकर मंदिर में जलाभिषेक भी करता है। जैद पिछले दो सालों से कांवड़ यात्रा में भी भाग ले रहा है और हरिद्वार से गंगाजल लाकर शिवालय में जल चढ़ाता है। उसकी यह आस्था हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल बन गई है।
माता-पिता ने दिया सौहार्द्र का संदेश
मोहम्मद जैद के माता-पिता का कहना है कि उन्होंने अपने बेटे को हमेशा यह सिखाया है कि "सबका मालिक एक है।" वे बताते हैं कि उन्हें अपने बेटे की भगवान शिव में आस्था से कोई आपत्ति नहीं है। जैद की मां रोजिया प्रवीण कहती हैं, "हम सभी धर्मों को एक समान मानते हैं। हमारा बेटा मंदिर जाता है, पूजा करता है, हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है।"
मित्रों को देखकर जागी शिव भक्ति
जैद ने बताया कि उसके अधिकतर दोस्त हिंदू धर्म से हैं और जब उसने उन्हें पूजा करते देखा तो उसके मन में भी भगवान शिव की भक्ति करने की इच्छा जागी। जब उसने अपने माता-पिता से इस बारे में बात की, तो उन्होंने उसे पूरी स्वतंत्रता दी। जैद कहता है, "मुझे भोलेनाथ की भक्ति करने में खुशी मिलती है, मैं किसी के दबाव में नहीं बल्कि अपनी मर्जी से ऐसा करता हूं।"
धर्म से ऊपर मानवता का संदेश
मोहम्मद जैद का यह प्रेम और आस्था समाज में आपसी भाईचारे का संदेश दे रहा है। एक ओर जहां समाज में धर्म को लेकर मतभेद देखे जाते हैं, वहीं जैद की शिव भक्ति यह साबित करती है कि आस्था किसी जाति या धर्म की मोहताज नहीं होती।
हिंदू-मुस्लिम एकता की नई मिसाल
सहारनपुर, जो हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब का केंद्र रहा है, वहां जैद जैसे बच्चे इस तहजीब को और मजबूत कर रहे हैं। उसकी कहानी उन लोगों के लिए एक सीख है, जो धर्म के नाम पर समाज को बांटने की कोशिश करते हैं। जैद की शिव भक्ति और उसके माता-पिता का समर्थन यह संदेश देता है कि असली धर्म इंसानियत है और सबका मालिक एक ही है।