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महाकुंभ 2025: आज 46 लाख लोगों ने संगम में लगाई डुबकी

महाकुंभ में देश और दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। देशभर के कई फिल्मी सितारें और बड़े राजनेता संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके है। विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। आलम यह है कि अब महाकुंभ में 41 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर लिया है। 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने कल्पवास किया है। आज सुबह 8 बजे तक 46 लाख लोग स्नान कर चुके है, जो इस धार्मिक महापर्व की भव्यता और श्रद्धा को दर्शाता है।

महाकुंभ में अब तक पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, अखिलेश यादव, रवि किशन, हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी, मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह, सीएम योगी और उनका पूरा मंत्रिमंडल, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, कवि कुमार विश्वास, 73 देशों के प्रतिनिधिमंडल, भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक समेत कई बड़ी हस्तियां संगम में स्नान कर चुकी हैं।

पूरी दुनिया में महाकुंभ की चर्चा

महाकुंभ की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। सात समंदर पार के लोग कुंभ की दिव्यता और भव्यता को देखने के लिए आ रहे है। भारत की प्राचीन परंपरा और यहां की सनातन संस्कृति विदेशी लोगों के मन को भा रही है। जिसके परिणामस्वरूप महाकुंभ में अब तक 41 करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगा ली है। बसंती पंचमी के मौके पर डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी संग

महाकुंभ की पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ। अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं। ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक। इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है। जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं, तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है। गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है। सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं, तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।