दशहरा करीब आने के साथ ही रायपुर की सड़कों पर मौजूद दुकानों पर बड़े और शक्तिशाली अंदाज से लेकर छोटे साइज के रावण के पुतले बिक्री के लिए सजे हैं।पिछले कुछ सालों में कारोबार में मंदी के बाद कारीगरों को अच्छी बिक्री की उम्मीद है।
दुकानदारों के मुताबिक राज्य में रावण के पुतलों के लिए रायपुर बाकी जगहों के मुकाबले नया बाजार है। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि लोग बड़ी तादाद में उनके बनाए पुतले खरीदेंगे।
हालांकि रावण के पुतले बना रहे कारीगरों की मुश्किलें कम नहीं हैं। बार-बार हो रही बारिश ने उनके काम में रुकावट डाली है। उनके सामने पुतलों को सुखाने और उन्हें बारिश से बचाने की बड़ी चुनौती है। विजयादशमी 12 अक्टूबर को मनाई जाएगी। कारीगरों का कहना है कि पुतलों की बिक्री से होने वाली अच्छी कमाई ही उनके लिए मेहनत का इनाम होगा।