राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा-अर्चना की। राष्ट्रपति विशेष काफिले के साथ पूर्वाह्न करीब 11 बजे पंबा पहुंचीं। उन्होंने पंबा नदी के पानी से अपने पैर धोए और फिर भगवान गणपति मंदिर सहित आसपास के मंदिरों में पूजा-अर्चना की। इसके बाद गणपति मंदिर के मेलशंती (मुख्य पुजारी) विष्णु नंबूदरी ने 'केट्टुनिरा मंडपम' में काली साड़ी पहने मुर्मू की पवित्र पोटली या 'इरुमुदिकेट्टू' भरी। जिला अधिकारियों ने एक बयान में बताया कि राष्ट्रपति के अलावा उनके एडीसी सौरभ एस नायर, निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) विनय माथुर और दामाद गणेश चंद्र होम्ब्रम को भी पवित्र पोटली दी गई।
इसके बाद उन्होंने मंदिर के पास एक पत्थर की दीवार पर नारियल फेंके और अपने सिर पर पवित्र गठरियां रखकर वे विशेष चार पहिया वाहन पर सवार हो गए, जो उन्हें 4.5 किलोमीटर लंबे स्वामी अय्यप्पन मार्ग और भगवान अय्यप्पा मंदिर के पारंपरिक ट्रैकिंग मार्ग से होते हुए सन्निधानम ले गया।सन्निधानम में मंदिर तक पहुंचने के लिए मुर्मू ने 18 पवित्र सीढ़ियां चढ़ीं, जहां राज्य के देवस्वओम मंत्री वी एन वासवन और त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष पी एस प्रशांत ने उनका स्वागत किया। मंदिर के तंत्री कंदारारू महेश मोहनारू ने ‘पूर्ण कुंभ’ के साथ उनका स्वागत किया।
मंदिर में उन्होंने सिर पर पवित्र गठरी रखकर भगवान अयप्पा के ‘दर्शन’ किए। फिर राष्ट्रपति और उनकी टीम ने अपनी पवित्र गठरी मंदिर की सीढ़ियों पर रख दी और मंदिर के मेलशंती उनको इरुमुदिकेट्टू पूजा के लिए ले गए। टीडीबी अधिकारियों ने बताया कि मलिकप्पुरम सहित आस-पास के मंदिरों में दर्शन करने के बाद राष्ट्रपति दोपहर के भोजन और विश्राम के लिए टीडीबी गेस्टहाउस लौट आईं।
राष्ट्रपति के दौरे के दौरान श्रद्धालुओं के दर्शन पर प्रतिबंध था। राष्ट्रपति मुर्मू सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाली पहली महिला राष्ट्राध्यक्ष हैं। साथ ही वह मंदिर के दर्शन करने वाली दूसरी राष्ट्रपति भी हैं क्योंकि उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति वी. वी. गिरि ने 1970 के दशक में सबरीमला के दर्शन किए थे और वह एक डोली में सवार होकर मंदिर तक गए थे। राष्ट्रपति मुर्मू सुबह 8.40 बजे प्रमदम स्थित राजीव गांधी इंडोर स्टेडियम से हेलीकॉप्टर द्वारा पंबा पहुंचीं।
राज्य के देवस्वओम मंत्री वी. वासवन, पथनमथिट्टा के सांसद एंटो एंटनी और अन्य लोगों ने प्रमदम में उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति का काफिला सुबह 7.25 बजे तिरुवनंतपुरम में राजभवन से हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ। सबरीमला में दर्शन के बाद मुर्मू शाम को तिरुवनंतपुरम लौटेंगी। गुुरुवार को वो राजभवन में पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन की प्रतिमा का अनावरण करेंगी। बाद में वह वर्कला के शिवगिरि मठ में श्री नारायण गुरु के महासमाधि शताब्दी समारोह का उद्घाटन करेंगी और कोट्टायम जिले के पाला में सेंट थॉमस कॉलेज के ‘प्लेटिनम जुबली’ समारोह के समापन समारोह में भाग लेंगी।
राष्ट्रपति मुर्मू 24 अक्टूबर को एर्नाकुलम में सेंट टेरेसा कॉलेज के शताब्दी समारोह में भाग लेकर अपने केरल दौरे का समापन करेंगी। वह केरल के चार दिवसीय आधिकारिक दौरे पर मंगलवार शाम को तिरुवनंतपुरम पहुंचीं। तिरुवनंतपुरम में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, अन्य जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।