इस हफ़्ते की शुरुआत में, ऑस्ट्रेलियाई महिला एरिन पैटरसन को अपने अलग हुए पति के तीन रिश्तेदारों को जानबूझकर खाने में ज़हरीले मशरूम परोसकर उनकी हत्या करने का दोषी पाया गया। ये मामला नौ हफ़्ते की सुनवाई के दौरान ऑस्ट्रेलिया में छाया रहा। इसके बाद जजों ने छह दिनों के विचार-विमर्श के बाद फ़ैसला सुनाया। माना जा रहा है कि पैटरसन को आजीवन कारावास की सज़ा हो सकती है। पैटरसन पर पीड़ितों को परोसे गए बीफ़ वेलिंगटन में 'डेथ कैप मशरूम' के नाम से मशहूर मशरूम का इस्तेमाल करने का आरोप है। इन मशरूम में ऐसे ज़हरीले पदार्थ होते हैं जो लीवर और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं।
डेथ कैप मशरूम को बाकी मशरूमों से अलग करना मुश्किल है। इसे खाने के 6 से 12 घंटे बाद लक्षण दिखाई देते हैं। इसमें उल्टी, दस्त और शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं। डेथ कैप मशरूम मूल रूप से यूरोप में होता है लेकिन अब ये भारत सहित पूरी दुनिया में फैल गया है। इसकी फसल हिमालय की तलहटी जैसे इलाकों में पाई जाती है। भारत में, असम समेत कई राज्यों से गलती से डेथ कैप मशरूम खाने से मौतों के मामले सामने आए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि डेथ कैप मशरूम के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। वन अधिकारी खासतौर पर हिमालयी इलाकों में गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर इस किस्म की मशरूम की जानकारी ग्रामीणों को देने के लिए खास अभियान चलाने की बात कह रहे हैं।