ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला डा सिल्वा ने कहा है कि उनका अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कोई निजी या राजनीतिक संबंध नहीं है। लूला ने स्पष्ट किया कि ट्रंप भले ही अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, लेकिन वे दुनिया के शहंशाह नहीं हैं।
लूला ने यह भी कहा कि ट्रंप ने ब्राजील पर 50% भारी टैरिफ लगाया है, और उम्मीद थी कि द्विपक्षीय बातचीत से इसे कम किया जाएगा। लेकिन उनके अनुसार, ट्रंप ने कभी बातचीत की इच्छा नहीं दिखाई और सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए टैरिफ की घोषणा कर दी। लूला ने कहा, “हमारे बीच कोई रिश्ता ही नहीं है।”
अमेरिकी टैरिफ का असर
ट्रंप के इस फैसले से ब्राजील का अमेरिका को कॉफी और बीफ का निर्यात प्रभावित हो सकता है। लूला ने चेतावनी दी कि ट्रंप की गलत नीतियों की कीमत अमेरिकी जनता को चुकानी होगी।
सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत
लूला ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की संरचना पर भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि परिषद के 5 स्थायी सदस्यों को वीटो का अधिकार है, जिससे शक्ति का संतुलन द्वितीय विश्व युद्ध जीतने वाले देशों के पक्ष में रहता है। वहीं, ब्राजील, भारत, जर्मनी, जापान और अफ्रीका जैसे बड़े देशों के पास पर्याप्त अधिकार नहीं हैं।
ब्राजील और बोल्सोनारो केस
अमेरिका ने जुलाई में ब्राजील पर 50% टैरिफ लगाया। इसका आरोप लगाया गया कि ब्राजील की सरकार पूर्व राष्ट्रपति जेर बोल्सोनारो के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। हाल ही में ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने बोल्सोनारो को साल 2022 में तख्तापलट की कोशिश के लिए दोषी ठहराते हुए 27 साल की सजा सुनाई।