New Delhi: नेपाल से दिल्ली लौटे भारतीय नागरिकों ने गुरुवार को बताया कि काठमांडू में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू होने के कारण उड़ानें अचानक रद्द कर दी गईं और उन्हें बिना किसी मदद के हवाई अड्डे पर छोड़ दिया गया। एक भारतीय नागरिक रिया ने कहा, "हमारी उड़ान नौ सितंबर को निर्धारित थी। हम सुबह हवाई अड्डे पहुंचे तो विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
सड़कों पर भीड़ थी और कई जगहों पर आग लग गई थी... हम हवाई अड्डे पहुंचकर ठीक थे। लेकिन जैसे-जैसे विरोध प्रदर्शन बढ़ता गया, हवाई अड्डे पर मौजूद सुरक्षाकर्मी भाग गए। हमारी मदद करने वाला वहां कोई नहीं था।"
जयपुर के मुकेश गोयल अपने परिवार के साथ पशुपतिनाथ मंदिर गए थे और मंगलवार को वापस लौटने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे। उन्होंने कहा, "वहां बहुत भयानक दृश्य था। सुरक्षाकर्मी, पुलिस और बाकी सभी लोग भाग गए। हवाई अड्डे का एसी बंद कर दिया गया था, लाइटें बुझा दी गई थीं और हम अंदर ही रह गए थे। खाना भी नहीं था।"
जयपुर की ही रितिका जिंदल ने बताया कि मंगलवार सुबह काठमांडू हवाई अड्डे पर पहुंचने के आधे घंटे बाद यात्रियों को बताया गया कि उड़ान रद्द कर दी गई है। उन्होंने बताया, "सभी यात्रियों को हवाई अड्डे से जाने को कहा गया। सभी सुरक्षाकर्मी भाग गए। हवाई अड्डे पर कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था। बाहर का माहौल देखकर हम वहां से नहीं गए... हम रात 9 बजे तक हवाई अड्डे पर रहे और फिर पास के एक होटल में चले गए। हम वहां दो दिन रुके।"
जयपुर की शालू अग्रवाल ने कहा, "सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि नेपाल सरकार और हवाई अड्डे के अधिकारियों से कोई सहयोग नहीं मिला। हम मुश्किल में थे और उन्होंने हमें हवाई अड्डा खाली करने को कहा। हमारे पास बाहर रहने के लिए कोई जगह नहीं थी। कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था।"
नेपाल में सरकार के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (टीआईए) ने अपनी सेवाएं 24 घंटे बंद रहने के बाद बुधवार शाम से फिर शुरू कर दीं।