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'ट्रंप के अनुरोध पर भारत ने रूसी तेल खरीद में कटौती की', व्हाइट हाउस ने किया दावा

व्हाइट हाउस ने दावा किया है कि भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध पर रूस से तेल की खरीद कम करना शुरू कर दिया है। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, अगर आप रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को देखें, तो वे काफी सख्त हैं। मैंने कुछ अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टें देखी हैं जिनमें कहा गया है कि चीन रूस से तेल की खरीद कम कर रहा है, और हमें पता है कि भारत ने भी राष्ट्रपति के अनुरोध पर ऐसा किया है।

उन्होंने बताया कि अमेरिका ने हाल ही में रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, ताकि रूस की युद्ध से जुड़ी आमदनी को सीमित किया जा सके। लेविट ने कहा कि अमेरिका ने अपने यूरोपीय सहयोगियों से भी रूसी तेल आयात कम करने का आग्रह किया है। उन्होंने इसे “मॉस्को की युद्ध फंडिंग पर दबाव बनाने की रणनीति” बताया।

भारत ने बार-बार कहा है कि उसकी ऊर्जा नीति उसके राष्ट्रीय हितों पर आधारित है, ताकि देश के उपभोक्ताओं को सस्ता और सुरक्षित तेल मिल सके। अमेरिका का आरोप है कि भारत, रूस से तेल खरीदकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन युद्ध में आर्थिक मदद दे रहा है।

दोनों देशों के रिश्तों में तनाव तब बढ़ गया जब ट्रंप प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ दोगुना कर 50% कर दिया, जिसमें रूस से तेल खरीदने पर 25% अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। भारत ने इस कदम को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और बेबुनियाद” बताया है।

लेविट ने कहा कि ट्रंप पहले से ही संकेत देते आ रहे थे कि वे रूस के खिलाफ तब कार्रवाई करेंगे जब उन्हें “उचित और ज़रूरी” लगेगा। उन्होंने कहा कि ट्रंप पुतिन से शांति वार्ता में दिलचस्पी न दिखाने पर नाराज़ हैं। ट्रंप और पुतिन की इस साल हंगरी में प्रस्तावित बैठक अब अनिश्चितकाल के लिए टाल दी गई है, लेकिन लेविट ने कहा कि “यह मुलाकात पूरी तरह रद्द नहीं हुई है” और “भविष्य में फिर से हो सकती है।”