विदेश सचिव विक्रम मिस्री आज से अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे। वॉशिंगटन में विक्रम मिस्री अमेरिकी प्रशासन के सीनियर अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। विक्रम मिस्री का ये दौरा इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के फॉलो-अप के तौर पर है, लेकिन माना जा रहा है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद हो रहे इस दौरे पर मिस्री इस पूरे ऑपरेशन पर भारत का रुख रख सकते हैं। मिस्री के इस दौरे में मिलिट्री पार्टनरशिप, टेक्नोलॉजी और कॉमर्स को लेकर बात होगी।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी आज यानी 27 से 29 मई को वाशिंगटन डीसी का दौरा करेंगे और अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। एक बयान में बताया गया, “यह दौरा फरवरी में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के बाद हो रहा है। फरवरी में दोनों पक्षों ने 21वीं सदी के लिए भारत-अमेरिका कॉम्पैक्ट (सैन्य साझेदारी, तीव्र व्यापार और प्रौद्योगिकी के लिए अवसरों को बढ़ावा देना) शुरू किया था।"
इस बीच, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी न्यू नॉर्मल और "जीरो टॉलरेंस" नीति को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने के लिए व्यापक राजनयिक पहल शुरू की है। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिक्रिया का संदेश दुनिया भर में फैलाने के लिए 7 सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को 33 देशों की राजधानियों में भेजा है।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक नई और दृढ़ नीति अपनाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया है कि भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेल को स्वीकार नहीं करेगा और आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला करेगा, चाहे वे परमाणु आड़ में ही क्यों न पल रहे हों।
भारत ने 7 मई की सुबह "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ढांचे पर "सटीक हमले" किए। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया। भारतीय पक्ष ने अपनी "नो फर्स्ट यूज" परमाणु नीति को भी दोहराया है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया है कि यदि उस पर परमाणु हमला होता है, तो वह पूरी ताकत से जवाब देगा।