अमेरिका में हाल ही में यह खबर सुर्खियों में रही कि एफबीआई के निदेशक काश पटेल अपने पद से इस्तीफा देने वाले हैं। यह अटकलें तब और तेज हो गईं जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि पटेल, न्याय विभाग (DOJ) के साथ मतभेदों के चलते अपने पद से हटने का मन बना चुके हैं। खासकर जेफ्री एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक न करने के फैसले को लेकर यह विवाद और गहरा गया।
इन खबरों के जवाब में काश पटेल ने खुद सामने आकर सभी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह महज झूठी साजिशें हैं और उनका इस्तीफा देने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सेवा कर रहे हैं और जब तक राष्ट्रपति चाहेंगे, वे अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे।
इस पूरे मामले में यह भी कहा गया कि एफबीआई के उपनिदेशक डैन बॉन्गिनो अगर पद छोड़ते हैं, तो काश पटेल भी उनके साथ पद छोड़ सकते हैं। हालांकि, पटेल के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि ऐसा कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है और वह अपने पद पर कायम हैं। उन्होंने अफवाह फैलाने वालों की आलोचना करते हुए इसे ट्रंप प्रशासन को अस्थिर करने की साजिश करार दिया।
न्याय विभाग की ओर से भी इस विषय में बयान आया जिसमें कहा गया कि काश पटेल और विभाग के बीच कोई टकराव नहीं है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि जेफ्री एपस्टीन केस से जुड़े दस्तावेजों पर जो भी निर्णय लिया गया है, वह एक संयुक्त प्रक्रिया का हिस्सा था और इसमें सभी एजेंसियों की सहमति शामिल थी।
काश पटेल का यह सार्वजनिक स्पष्टीकरण उन तमाम अटकलों पर विराम लगाता है जो पिछले कुछ दिनों से मीडिया और सोशल मीडिया में फैलाई जा रही थीं। फिलहाल के लिए यह स्पष्ट है कि वह एफबीआई निदेशक के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं और ट्रंप प्रशासन के प्रति पूरी तरह वफादार बने हुए हैं।