New Delhi: चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से बात की और उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान टकराव की इस स्थिति का बातचीत के जरिए समाधान निकालेंगे और स्थायी संघर्ष विराम की दिशा में ठोस कदम उठाएंगे। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिंहुआ’ ने बताया कि बातचीत के दौरान डोभाल ने वांग से कहा कि युद्ध का विकल्प भारत ने नहीं चुना लेकिन पहलगाम हमले के बाद उसे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत थी।
वांग ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की निंदा की। इस हमले में पाकिस्तान का हाथ है। इस हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।‘शिंहुआ’ की खबर के अनुसार, वांग ने पाकिस्तान के उप- प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इसहाक डार से भी बात की। पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई किए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। सीमा पार से चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद परमाणु हथियार से लैस दोनों देशों के बीच जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई तत्काल प्रभाव से रोकने पर शनिवार को सहमति बन गई। चीनी सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार, डोभाल के साथ बातचीत में वांग ने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान शांत और संयमित रहेंगे, स्थिति को सीधी बातचीत के माध्यम से उचित तरीके से संभालेंगे और तनाव को बढ़ाने से बचेंगे।
वांग ने कहा कि चीन को उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच विचार-विमर्श के माध्यम से व्यापक तथा स्थायी संघर्ष विराम होगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के मौलिक हित इसी में हैं और यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की साझा आकांक्षाओं के भी अनुरूप है। उन्होंने कहा कि चीन पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करता है और हर तरह के आतंकवाद का विरोध करता है।
वांग ने कहा कि दुनिया बदलाव और उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है।उन्होंने कहा कि एशिया में शांति और स्थिरता मुश्किल से हासिल की गई है और ऐसे में इसे बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी हैं जिन्हें दूर नहीं किया जा सकता और वे दोनों चीन के भी पड़ोसी हैं। डोभाल ने वांग से कहा कि पहलगाम हमले में भारत के कई लोग मारे गए और उसे आतंकवाद विरोधी कार्रवाई करने की जरूरत थी। डोभाल ने इस बात को रेखांकित किया कि युद्ध का विकल्प भारत ने नहीं चुना और यह किसी भी पक्ष के हित में नहीं है।
खबर के अनुसार, एनएसए ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही संघर्ष विराम के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। खबर के मुताबिक, डार के साथ बातचीत में वांग ने कहा कि पाकिस्तान और भारत का पड़ोसी होने के नाते चीन दोनों देशों के बीच संघर्ष को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि चीन का मानना है कि पाकिस्तान अपने मौलिक और दीर्घकालिक हितों के अनुरूप निर्णय लेगा। डार ने वांग से कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ संघर्ष विराम के लिए तैयार है, लेकिन वह अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने वाले किसी भी कृत्य का जवाब देगा।
‘शिंहुआ’ की खबर के अनुसार, वांग ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लड़ाई में सबसे आगे खड़ा है और चीन उसके आतंकवाद विरोधी प्रयासों का समर्थन करता है। भारत और पाकिस्तान के संघर्ष विराम पर सहमत होने से पहले, चीन ने शनिवार को दोनों देशों से शांति और संयम बरतने और शांतिपूर्ण समाधान के रास्ते पर लौटने की जोरदार अपील की थी। चीनी विदेश मंत्रालय ने पहले एक बयान में कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष पर चीन बारीकी से नजर रख रहा है और तनाव बढ़ने को लेकर बहुत चिंतित है।
बयान में कहा गया, ‘‘हम दोनों पक्षों से शांति और स्थिरता के व्यापक हित में कार्य करने, शांति और संयम बरतने, शांतिपूर्ण तरीकों से राजनीतिक समाधान के रास्ते पर लौटने और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने की पुरजोर अपील करते हैं जिससे तनाव और बढ़ सकता है।’’