दो जुलाई को शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि सेंसेक्स और निफ्टी ने शुरुआती बढ़त खो दी थी। बैंकिंग और वित्तीय शेयरों में भी गिरावट दर्ज की गई है क्योंकि निवेशकों ने हाल की तेजी के बाद मुनाफावसूली का फैसला किया है। इसके अलावा, विदेशी फंड की निकासी, अमेरिकी व्यापार शुल्क और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर वैश्विक अनिश्चितता ने भी बाजार को प्रभावित किया।
रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह और विनिर्माण में बढ़ोतरी के अलावा और भी घरेलू आर्थिक आंकड़े 14 महीने के उच्चतम स्तर पर हैं। इसके बावजूद बाजार अपनी गति को बरकरार नहीं रख सका। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 287 अंक गिरकर 83,409 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 88 अंक गिरकर 25,453 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में बजाज फिनजर्व, एल एंड टी, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयर रहे, जबकि टाटा स्टील, एशियन पेंट्स, अल्ट्रा टेक सीमेंट, ट्रेंट लिमिटेड और मारुति सुजुकी सबसे ज्यादा बढ़ने वाले शेयरों में रहे।
क्षेत्रीय मोर्चे पर, बैंक, वित्तीय सेवाएं, रियल्टी, बिजली, तेल, गैस और पूंजीगत सामान शेयरों ने बाजार को नीचे खींचा, जबकि धातु, दूरसंचार, ऑटो, स्वास्थ्य सेवा और एफएमसीजी शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई, चीन का शंघाई कम्पोजिट और सियोल का कोस्पी लाल निशान पर बंद हुआ, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग हरे निशान पर बंद हुआ।
बुधवार को यूरोपीय बाजार सकारात्मक दायरे में कारोबार कर रहे थे जबकि मंगलवार को वॉल स्ट्रीट में मिला जुला रुख दिखा था। विदेशी संस्थागत निवेशक मंगलवार को शुद्ध विक्रेता रहे, क्योंकि उन्होंने 1,970 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेचे।