उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में दोनों बेंचमार्क सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी मंगलवार को लगभग स्थिर रुख के साथ बंद हुए। फटाफट समान पहुंचाने वाली कंपनियों और निजी बैंकों के शेयरों में हुए फायदे का असर तेल एवं गैस और आईटी कंपनियों के शेयरों में हुए नुकसान की वजह से जाता रहा।
ताजा विदेशी पूंजी निकासी से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 13 अंक गिरकर 82,186 पर जबकि 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 29 अंक लुढ़ककर 25,060 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में टाटा मोटर्स, अडाणी पोर्ट्स, भारतीय स्टेट बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और लार्सन एंड टुब्रो सबसे ज्यादा लुढ़के। जबकि इटरनल लिमिटेड, टाइटन, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, मारुति सुजुकी और हिंदुस्तान यूनिलीवर सबसे ज्यादा चढ़े।
जोमैटो और ब्लिंकिट ब्रांड का स्वामित्व रखने वाली इटर्नल के शेयरों में सबसे ज्यादा लगभग 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। ये बढ़ोतरी जून तिमाही में इसके 25 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज करने के बाद दिखी है।
पब्लिक सेक्टर बैंकों, आईटी, ऑटो, मीडिया, फाइनेंशियल सर्विसेज, हेल्थ केयर सेवा और रियलिटी शेयरों की अगुवाई में कई क्षेत्रीय सूचकांकों में भारी बिकवाली देखी गई। एशियाई बाजारों में सियोल का कोस्पी, जापान का निक्केई और इंडोनेशिया का जकार्ता कम्पोजिट गिरावट के साथ जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट और हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुए।
मंगलवार को यूरोपीय बाज़ार गिरावट के साथ बंद हुए। सोमवार को वॉल स्ट्रीट ज़्यादातर बढ़त के साथ बंद हुआ। सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 1,681 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेचे।