झारखंड के बोकारो जिले में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की एक महिला सदस्य ने सोमवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
आत्मसमर्पण करने वाली महिला का नाम सुनीता मुर्मू उर्फ लीलमुनि मुर्मू (22) है। वह 21 अप्रैल को बोकारो जिले में माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान फरार हो गई थी। उस मुठभेड़ में आठ नक्सली मारे गए थे। सुनीता ने बोकारो के पुलिस अधीक्षक मनोज स्वर्गियारी, सीआरपीएफ कमांडेंट और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया।
एसपी स्वर्गियारी ने कहा, "सुनीता मुठभेड़ के समय माओवादियों के साथ थी, लेकिन वहां से भाग निकलने में सफल हो गयी थी। जंगलों में कुछ दिन भटकने के बाद उसने राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत हथियार छोड़ने का निर्णय लिया।"
उन्होंने बताया कि सुनीता को आत्मसमर्पण नीति के तहत सभी लाभ प्रदान किए जाएंगे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इससे पहले सुनीता तीन साल जेल की सजा भी काट चुकी है।
सुनीता ने आत्मसमर्पण के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, "मुठभेड़ के बाद मुझे अहसास हुआ कि मैं गलत रास्ते पर हूं। इसलिए मैंने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया। मैं अपने साथियों से भी आत्मसमर्पण करने की अपील करूंगी।"