तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में चल रहे नवजात बच्चों की तस्करी के अंतरराज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है। इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें तीन निःसंतान दंपती भी शामिल थे, जिन्होंने नवजात बच्चों को खरीदा था। पुलिस ने गुजरात से चार नवजात बच्चों को बचाया है। गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीमों ने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के साथ मिलकर के. कृष्णवेणी और बी. दीप्ति सहित आरोपितों को पकड़ लिया।
राचकोंडा के पुलिस आयुक्त जी. सुधीर बाबू ने बताया कि आरोपितों ने अहमदाबाद की रहने वाली वंदना से कथित तौर पर चार शिशुओं को खरीदा था और बिचौलियों के जरिए उन्हें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में तीन परिवारों को बेच दिया था। पुलिस ने बताया कि एक से दो महीने की उम्र के दो लड़कों और दो लड़कियों को जनवरी और फरवरी के बीच दो लाख रुपये से लेकर 4.2 लाख रुपये में तस्करी कर 2.5 लाख रुपये से लेकर 4.8 लाख रुपये में बेच दिया गया था।
विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने सुबह करीब छह बजे चैतन्यपुरी बस स्टॉप पर कृष्णवेणी और दूसरे आरोपितों को रोका, जहां उनके पास संदिग्ध परिस्थितियों में एक शिशु बरामद हुआ। पूछताछ करने पर उन्होंने अवैध रूप से शिशुओं की खरीद-फरोख्त करने की बात मान ली। आगे की जांच के बाद पुलिस दीप्ति के घर पहुंची, जहां तीन और शिशु मिले।
एजेंट और मध्यस्थ के रूप में काम करने वाले आरोपितों ने खुलासा किया कि उन्होंने निःसंतान दंपतियो को जन्म और गोद लेने के प्रमाण पत्र देने के बहाने बुलाया था। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक सहायक प्रोफेसर भी शामिल है जिसने एक शिशु को खरीदा था।