Maharashtra: ग्रामीण और शहरी शिक्षा के बीच के अंतर को पाटने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, महाराष्ट्र के नागपुर जिले के वडधामना गांव में एआई-संचालित आंगनवाड़ी केंद्र की शुरुआत हुई है। इसे देश का पहला एआई-संचालित आंगनवाड़ी केंद्र बताया जा रहा है।
राज्य के मिशन बाल भरारी के तहत शुरू किए इस आगनवाड़ी केंद्र में छोटे बच्चों को नई-नई चीजें सिखाने के लिए आर्टिफिशियल इंटैलिजेस डैशबोर्ड, वर्चुअल रियलिटी हेडसेट और इंटरैक्टिव डिजिटल सामग्री जैसे अत्याधुनिक डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है।
आंगनवाड़ी केंद्र पारंपरिक रूप से खासकर देश के ग्रामीण इलाकों में जमीनी स्तर पर सबसे वंचित समुदायों के बच्चों की देखभाल और प्री-स्कूल शिक्षा के केंद्र रहे हैं। अब इन्हें तकनीक-संचालित शिक्षण केंद्रों में बदला जा रहा है ताकि ग्रामीण इलाकों के बच्चों को वैसी ही शिक्षा मिल सके जैसी बेहतरीन शहरी स्कूलों में दी जाती है।
वर्चुअल रियलिटी के जरिए बच्चों को चिड़ियाघर घूमने, अंतरिक्ष को खंगालने और ऐतिहासिक स्मारकों को देखने जैसे रियल टाइम अनुभव मिल रहे हैं। इससे उन्हें चीजों को ज्यादा बारीकी के साथ बेहतरीन तरीके से समझने और रोचक अंदाज में सीखने और याद रखने में मदद मिल रही है।
इन नई प्रणालियों के बेहतर इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के लिए, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को एआई-संचालित उपकरणों को ऑपरेट करने और तकनीक से लैस कक्षाओं का प्रबंधन करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। टीचरों का कहना है कि नए तरीके कक्षा में सहभागिता बढ़ा रहे हैं और शिक्षण को ज्यादा बेहतर बना रहे हैं।
महाराष्ट्र में ये एआई-संचालित आंगनवाड़ी केंद्र छोटे बच्चों की शुरुआती शिक्षा में नया बेंचमार्क स्थापित कर रहा है। ये ग्रामीण इलाकों में शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल समावेशन और नवाचार के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को दिखाता है। नागपुर जिला परिषद ने जिले की 40 और आंगनवाड़ियों में इस मॉडल को लागू करने की योजना तैयार की है।