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अक्षय तृतीया पर सोना सस्ता, जानिए क्यों नहीं बढ़ रहे दाम

पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। सुबह कुछ रेट होता है और शाम तक कुछ और। हाल ही में सोना चढ़ते-चढ़ते एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया था, जो अब गिरकर करीब 96,011 रुपये रह गया है। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक मंगलवार शाम को सोने की कीमत में गिरावट आई। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में भी सोने के दाम गिरे हैं। इंटरनेशनल मार्केट में स्पॉट गोल्ड करीब 0.8% गिरकर 3,314.99 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, जबकि अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स 0.7% गिरकर 3,325.10 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।

दुनियाभर में व्यापार से जुड़ी टेंशन कम हो रही है और बाजार की हालत भी सुधर रही है। इसी का असर सोने की कीमतों पर देखने को मिल रहा है। आज अक्षय तृतीया है, जिसे बहुत शुभ दिन माना जाता है। इस मौके पर लोग सोना खरीदना पसंद करते हैं। हर साल इस दिन के आसपास सोने की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। मंगलवार को सोने की कीमत में गिरावट दर्ज की गई। दुकानदारों का कहना है कि जब सोने का रेट एक लाख रुपये के पास पहुंचा, तो लोगों ने खरीदना कम कर दिया। अब सोने के दाम में और ज्यादा बढ़त नहीं देखने को मिलेगी, बल्कि आने वाले समय में ये कम भी हो सकते हैं।

आख‍िर ऐसा क्यों हो रहा है?

इस समस्या के पीछे तीन बड़े कारण हो सकते हैं। 

  • दुनियाभर में आर्थिक तनाव कम हो रहा है।
  • शेयर बाजार में स्थिरता आ रही है।
  • लोग सोने की बजाय दूसरे निवेश विकल्पों की तरफ बढ़ रहे हैं।

सोने की कीमत में गिरावट क्यों आ रही है? जानिए वजह

हाल ही के दिनों में सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है दुनियाभर में ट्रेड से जुड़ा तनाव कम होना। अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने हाल ही में बताया कि भारत समेत कई बड़े देशों ने अमेरिकी टैक्स से बचने के लिए अच्छे प्रस्ताव दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही एक ट्रेड एग्रीमेंट हो सकता है। इसके साथ ही चीन ने भी कुछ अमेरिकी सामान पर लगे टैक्स हटाने का फैसला लिया है, जिससे हालात और बेहतर हुए हैं। अमेरिका ने भी संकेत दिया है कि वह ऑटो सेक्टर पर लगे टैरिफ को कम कर सकता है। इन सब बातों का असर ये हो रहा है कि बाजार में तनाव कम हो रहा है और इन्वेस्टर अब सोने की बजाय दूसरी जगह पैसे लगाने लगे हैं। यही वजह है कि सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है।

रूस-यूक्रेन में शांति की उम्मीद और ग्लोबल ट्रेड सुधरने से सोने की कीमतों में गिरावट

अमेरिका कई देशों के साथ टैक्स को लेकर बातचीत कर रहा है। इसके अलावा चीन और अमेरिका के बीच भी व्यापार समझौता होने की उम्मीद बढ़ रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते की संभावना बन रही है। इससे दुनिया भर में तनाव कम हो सकता है और इसी वजह से सोने की मांग में भी गिरावट आने की उम्मीद है। आमतौर पर जब दुनियाभर में व्यापारिक या राजनीतिक तनाव होता है, तो लोग अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सोना खरीदते हैं। लेकिन जब हालात सुधरने लगते हैं, तो वे सोने से पैसा निकालकर शेयर बाजार या दूसरी संपत्तियों में निवेश करते हैं। इसका सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ता है। एक समय था जब ग्लोबल मंदी और अनिश्चितता के डर से सोने की कीमत 3,500.05 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई थी। लेकिन अब हालात सुधर रहे हैं, और इन्वेस्टर बेहतर रिटर्न के लिए दूसरे ऑप्शन तलाश रहे हैं।

ग्लोबल और भारतीय बाजार पर पड़ा असर, क्यों गिर रही है सोने की कीमत?

सोने की कीमत में गिरावट का असर न सिर्फ दुनिया भर के बाजारों पर पड़ा है, बल्कि भारत में भी इसका असर साफ दिख रहा है। चीन में सोने की मांग कम हो गई है, जिससे इसकी कीमतों में गिरावट आई। हालांकि बाद में जब अमेरिकी डॉलर में मुनाफावसूली हुई और इन्वेस्टर्स ने रिस्क से बचने के लिए सोने की तरफ रुख किया, तो थोड़ी बहुत रिकवरी देखने को मिली। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ समय पहले भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और ईरान पर हमलों की वजह से ग्लोबल लेवल पर अनिश्चितता बढ़ गई थी। इस वजह से सोने की कीमतें थोड़े समय के लिए बढ़ गई थीं। लेकिन ये बढ़ोतरी ज्यादा समय तक टिक नहीं पाई। इसका मतलब साफ है, जैसे ही दुनिया में हालात शांत होते हैं, लोग सोने से इन्वेस्ट हटाकर दूसरी जगह लगाते हैं और इसका असर कीमतों पर पड़ता है।

क्या होगा सोने और चांदी का भविष्य? 

सोने की कीमतों के लिए कुछ खास स्तर तय किए गए हैं। अगर कीमतें इन स्तरों से नीचे जाती हैं तो इसे गिरावट का संकेत माना जाएगा, और अगर ऊपर जाती हैं तो बढ़त का।

डॉलर में सोने के दाम:

  • सपोर्ट लेवल: 3,310 से 3,288 डॉलर प्रति औंस
  • रेजिस्टेंस लेवल: 3,360 से 3,378 डॉलर प्रति औंस

रुपये में सोने के दाम:

  • सपोर्ट लेवल: 95,450 से 95,080 प्रति 10 ग्राम
  • रेजिस्टेंस लेवल: 96,750 से 97,290 प्रति 10 ग्राम

चांदी की कीमतें भी दबाव में हैं:

  • सपोर्ट लेवल: 95,680 से 94,850 प्रति किलो

रेजिस्टेंस लेवल: 97,150 से 97, 950 प्रति किलो

इन्वेस्टर्स के लिए सलाह

सोने की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है, ऐसे में इन्वेस्टर्स के लिए सावधान रहना बहुत जरूरी है। जब दुनिया में हालात शांत रहते हैं और कोई बड़ा खतरा नहीं होता, तो सोने की मांग कम हो जाती है और कीमतें गिरती हैं। लेकिन जैसे ही किसी तरह का तनाव बढ़ता है, जैसे युद्ध, आर्थिक संकट या राजनीतिक अस्थिरता, तो लोग सोने की तरफ लौटते हैं और इसकी कीमत बढ़ जाती है। इसलिए इन्वेस्टर्स को चाहिए कि वे सोने की सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल पर नजर बनाए रखें। साथ ही, ग्लोबल ट्रेड, बाजार की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर भी ध्यान देना जरूरी है। तभी सही समय पर सही फैसला लिया जा सकता है।

अक्षय तृतीया पर 12,000 करोड़ रुपये के सोने की बिक्री की उम्मीद

अक्षय तृतीया के खास मौके पर इस साल सोने और चांदी की जबरदस्त बिक्री होने की उम्मीद जताई जा रही है। इंडस्ट्री से जुड़ी संस्था ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन ने मंगलवार को बताया कि इस बार करीब 12,000 करोड़ रुपये की वैल्यू का 12 टन सोना बिक सकता है। फेडरेशन के प्रेसिडेंट पंकज अरोड़ा के मुताबिक, इस बार चांदी की बिक्री भी रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि लगभग 400 टन चांदी बिकने की संभावना है, जिसकी कीमत करीब 4,000 करोड़ रुपये हो सकती है। इस तरह देशभर में अक्षय तृतीया के दिन कुल 16,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है।