नवरात्र यानी 9 दिनों का बेहद खास उत्सव जिसे बहुत ही खुशी और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। यह उत्सव साल में दो बार मनाया जाता है, चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र। नवरात्र के शब्द का मतलब है नौ रातें इन 9 रातों की गिनती अमावस्या की अगले दिन से होती है। चैत्र नवरात्रि मार्च और अप्रैल के महिने में होती है, जिसके साथ हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत भी होती है। शारदीय नवरात्रि जो आश्विन माह यानी सितंबर और अक्टूबर के महीने में होती है। दोनों नवरात्रों में मातारानी की पूजा की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से 7 अप्रैल तक है।
गुप्त नवरात्रि
पूरे साल में चार नवरात्रि होती है, इनमें से दो बार गुप्त नवरात्री होती है। पहली गुप्त नवरात्री पौष के महीने में पड़ती है तो दूसरी आषाढ़ के महीने में होती है। इन दोनों नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं और इसे कई लोग गुप्त तरीके से मनाते हैं। इन नवरात्रों में देवी के 10 महाविद्याओं की गुप्त रूप से पूजा की जाती है और उनका आशिर्वाद लिया जाता है। इसमें 9 दिनों तक मां दूर्गा की तंत्र साधना और तंत्र सिद्धि की जाती है।
क्यों मनाई जाती है चैत्र नवरात्रि
जब धरती पर महिषासुर नामक राक्षस का आंतक बढ़ गया था और देवता भी उसे हरा नहीं पा रहे थे, क्योंकि राक्षस महिषासुर को वरदान मिला था कि कोई भी देवता या असुर उससे जीत नहीं सकता। इसीलिए देवताओं ने माता पार्वती को प्रसन्न किया और उनसे रक्षा का अनुरोध किया। जिसके बाद मां पार्वती ने अपने अंश से नौ रूप प्रकट किए, जिन्हें देवताओं ने अपने शस्त्र देकर शक्ति को पूर्ण किया। माता पार्वती ने महिषासुर का वध किया, तभी से इन 9 दिनों को चैत्र नवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है।
क्यों मनाई जाती है शारदीय नवरात्रि
भगवान राम ने शारदीय नवरात्रि को व्रत रावण पर विजय पाने के लिए रखा था। उन्होंने पूरी विधि से माता की शक्ति की पूजा और उपासना की। 9 दिनों तक माता की पूजा करने के बाद 10वें दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इसीलिए नवरात्रि के दसवें दिन को विजयदशमी कहा जाता है।
एक दूसरे से क्यों अलग है चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि
- चैत्र नवरात्रि के समय पर उग्र साधना और कठिन उपवास रखने का महत्व होता है, लेकिन शारदीय नवरात्रि के समय सात्विक साधना, नृत्य, उत्सव इनका आयोजन किया जाता है।
- चैत्र नवरात्री के समाप्त होते ही राम नवमी आती है। कहा जाता है कि भगवान राम का जन्म भी राम नवमी के दिन ही हुआ था। शारदीय नवरात्रि के अंत में विजयदशमी का पर्व होता है। इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था।
- कहा जाता है कि चैत्र नवरात्रि की पूजा आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाती है और आत्मा से जुड़ी इच्छाओं को देवी पूरा भी करती है। शारदीय नवरात्रि संसार से जुड़ी इच्छाओं को पूरा करने के लिए माना जाती है।