बाढ़ प्रभावित पंजाब और पड़ोसी हरियाणा के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। इसकी वजह से उफनती नदियों ने कई गांवों को पानी में डूबो दिया और लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया है। फाजिल्का से रात भर में लगभग तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की वजह से फिरोजपुर समेत पाकिस्तान सीमा के करीब बसे कई गांवों में बाढ़ आ गई है। इलाके में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिशें काफी हद तक कामयाब रही हैं। उनके मुताबिक अब वे बाढ़ से होने वाले कटाव को रोकने के लिए सेना और इलाके के लोगों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
इलाके के लोगों ने सशस्त्र बलों के साथ मिलकर पानी को खेतों में भरने से रोकने के लिए मशक्कत जारी रखी। उन्होंने रेत की बोरियां भरकर पानी को रोकने की कोशिश की। मोगा जिले के धर्मकोट इलाके के संघेड़ा गांव में पुलिस ने बचाव और राहत अभियान शुरू कर दिया है। यहां सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आ गई है। लोगों और मवेशियों को सुरक्षित निकालकर ऊंची जगहों पर ले जाया गया है। पुलिस अधिकारियों ने इलाके के लोगों की मदद की और मौके पर हालात का जायजा लिया।
प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए भोजन और दूसरी जरूरी सुविधाओं की भी व्यवस्था की है। बाढ़ के मौजूदा हालात के मद्देनजर पंजाब सरकार ने एक सितंबर से बंद चल रहे सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अब सात सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है। पंजाब भारी बाढ़ की चपेट में है। राज्य में ऐसे हालात हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई भारी बारिश की वजह से सतलुज, ब्यास और रावी नदियों और मौसमी नालों में आए उफान की वजह से बने। पंजाब में बाढ़ से अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ, सेना, बीएसएफ, पंजाब पुलिस और जिला अधिकारियों द्वारा राहत और बचाव का काम जारी है।