Gujarat: दुनिया भर में तापमान लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में एक वैज्ञानिक परीक्षण चल रहा है। इसमें छतों को सफेद रंग से रंगकर गर्मी की तपिश को कम किया जा रहा है। बुर्किना फासो और मैक्सिको जैसे देशों में इस परियोजना के बेहतर नतीजे देखने को मिले हैं। ठंडी छतें न सिर्फ घर के अंदर के तापमान को कम करने में मदद करती हैं, बल्कि हृदय गति को नियंत्रित करने में भी मददगार होती हैं।
इसे लेकर भारत में भी पहल की जा रही है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ कई गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर अहमदाबाद में एक नियंत्रित परीक्षण की अगुवाई कर रहा है। इसके लिए शहर के वंजारा वास इलाके के लगभग 400 घरों को चुना गया है। इनमें से 200 घरों की छतों को एक विशेष परावर्तक सफेद रंग से रंगा गया है जबकि 200 घरों को बिना रंगे छोड़ दिया गया है।
जिन लोगों के घरों की छतों को विशेष रंग से रंगा गया है, उनका कहना है कि वे तापमान में फर्क को महसूस कर रहे हैं। उनके मुताबिक उनके घर काफी ठंडे हो गए हैं और उन्हें इसका अहसास खासकर रात के वक्त होता है।
इसके असर का अध्ययन करने के लिए, घरों में तापमान की निगरानी के लिए थर्मामीटर लगाए गए हैं। हर घर के एक सदस्य को हृदय गति, नींद के पैटर्न और दूसरे स्वास्थ्य डेटा को ट्रैक करने के लिए एक स्मार्ट-वॉच भी दी गई है।
जलवायु परिवर्तन की वजह से पृथ्वी गर्म होती जा रही है और भीषण गर्मी का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में कूल रूफ टेक्नोलॉजी के जरिए घरों की छतों को ठंडा रखकर ऐसे लोगों की मदद की जा सकती है जिन्हें भीषण गर्मी से लगातार जूझना पड़ता है। इसमें पैसा भी कम खर्च होगा।