तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) की आंशिक रूप से ध्वस्त सुरंग में फंसे आठ लोगों को बाहर निकालने का अभियान 16वें दिन भी जारी रहा और इस बीच सुरंग में शव खोजी कुत्तों को भी ले जाने का फैसला किया गया है। सात मार्च को कुत्तों को बचाव कार्य में शामिल करते हुए उन्हें सुरंग के अंदर ले जाया गया था। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मानव अवशेषों का पता लगाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्तों को रविवार को सुरंग में ले जाया जाएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, बचाव दल मानव अवशेष खोजी कुत्तों (एचआरडीडी) द्वारा चिह्नित दो बिंदुओं पर पांच फुट से ज्यादा गहराई तक खुदाई करेंगे और आशंका है कि मजदूर टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) की दूसरी परत में फंसे हो सकते हैं। केरल पुलिस के बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के कुत्ते 15 फुट की गहराई तक गंध पहचानने में सक्षम हैं। तेलंगाना सरकार ने बचाव कर्मियों की सुरक्षा पक्की करने के लिए 11 मार्च से बचाव अभियान के लिए रोबोट तैनात करने का फैसला किया है।
सुरंग के अंदर पानी और कीचड़ सहित चुनौतीपूर्ण हालात काफी जोखिम पैदा करती हैं। अधिकारी ने बताया कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने शुरूआती रिपोर्ट पेश की है जिसमें उसने आगाह किया है कि (दुर्घटना स्थल पर) अंतिम 70 मीटर पर बचाव अभियान ज्यादा सावधानी के साथ संचालित किया जाना चाहिए।
विशाल टीबीएम के टुकड़े सुरंग के अंदर पानी, मिट्टी और पत्थरों में मिल गए हैं इसलिए वे बचाव दल के लिए खतरा बन गए हैं। बचाव अभियान कीचड़ और पानी के रिसाव सहित चुनौतीपूर्ण हालात के बीच संचालित किया जा रहा है।
एसएलबीसी परियोजना सुरंग में 22 फरवरी से इंजीनियर और मजदूरों समेत आठ लोग फंसे हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारतीय सेना, नौसेना तथा अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं।