पहले जमाने के लोग अपने दांतों और मुंह की सफाई करने के लिए पारंपरिक और प्राकृतिक तरीकों का इस्तेमाल करते थे। खासतौर पर आदिवासी समुदाय एक विशेष पौधे "सुबुल" का उपयोग करता है, जिसे वे दातुन के रूप में रोज सुबह इस्तेमाल करते हैं। यह पौधा आसानी से सड़कों के किनारे आसानी से पाया जा सकता है। सुबुल पौधा मुंह से जुड़ी सभी प्रकार की बीमारियों को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखता है। यह एक रामबाण उपाय के रूप में काम करता है और वर्षों तक दांतों को मजबूत और चमकदार बनाए रखता है। कुछ समयों से हम टूथपेस्ट और ब्रश का इस्तेमाल करते हैं दांतों की सफाई करने के लिए, लेकिन सुबुल के पौधे को टूथपेस्ट और ब्रश की जगह इसतेमाल किया जा सकता है, यह पारंपरिक तरीका न केवल असरदार है, बल्कि पूरी तरह से प्राकृतिक भी है।
सुबुल पौधे का तना और पत्ते दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। खासतौर पर इसके तने में एंटी-इन्फ्लेमेटरी (सूजन-रोधी) और एंटीबैक्टीरियल (जीवाणुरोधी) तत्व पाए जाते हैं, जो दांतों में लगे कीड़ों और अन्य बैक्टीरियल संक्रमणों को खत्म करने में बेहद असरदार होते हैं। यही वजह है कि आदिवासी समुदाय इस पौधे का दातुन के रूप में नियमित उपयोग करता है। यह न केवल मुंह की स्वच्छता बनाए रखने में सहायक है, बल्कि दांतों की सुरक्षा और मजबूती के लिए भी बेहद लाभकारी है।
वहीं, इसके पत्ते में भी एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण है। कई लोग तो इसका काढ़ा बनाकर भी पीते हैं यह पेट के कीड़े को भी मारने का काम करता है। अगर आपको मुंह से बदबू आता है, वह अगर इसका काढ़ा बनाकर पी ले तो बड़ा असरदार होगा। इसके अलावा इसके पत्ते को पीस कर पानी में डालकर अगर आप कुल्ला कर ले तो भी आपको जबरदस्त फायदा देखने को मिलेगा।
सुबुल पौधा सिर्फ दांतों के लिए ही नहीं, बल्कि मसूड़ों की समस्याओं के लिए भी बेहद लाभकारी है। कई बार कुछ लोगों के मसूड़ों में संक्रमण या कीड़े लगने की समस्या हो जाती है, जिससे पेरियोडोंटाइटिस (पेरिया) जैसी गंभीर समस्या पैदा हो सकती है, जिसमें ऑपरेशन तक की जरूरत पड़ जाती है। ऐसे मामलों में सुबुल का रोजाना इस्तेमाल बेहद फायदेमंद साबित होता है। हर दूसरे दिन इस पौधे से कुल्ला करना चाहिए। अगर समय ना हो, तो इसका एक पत्ता चबा लेना भी काफी है, यह मिंट की तरह काम करता है और मात्र दो मिनट में मुंह को तरोताजा कर देता है। इससे अलग से किसी माउथ फ्रेशनर या रिफ्रेशमेंट खरीदने की जरूरत भी नहीं पड़ती।