Chandigarh: पंजाब सरकार ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा के नए मसौदा मानदंडों में विषय सूची से पंजाबी विषय को हटा दिया है। जबकि बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि ये सूची सांकेतिक है और किसी भी विषय को हटाया नहीं जाएगा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मसौदा मानदंडों में 13 अन्य भाषाओं का उल्लेख नहीं है और इस पर जोर दिया कि उनकी पढ़ाई जारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि 13 अन्य भाषाएं रूसी, नेपाली, लिंबू, लेप्चा, सिंधी, मलयालम, ओडिया, असमिया, कन्नड़, कोकबोरोक, तेलुगु, अरबी और फारसी हैं। सीबीएसई ने मंगलवार को दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित करने के लिए मसौदा मानदंडों को मंजूरी दे दी। मसौदा मानदंड अब सार्वजनिक किए जाएंगे और हितधारक नौ मार्च तक अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं, जिसके बाद नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आरोप लगाया कि नई नीति में पंजाबी को विषय सूची से हटाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार भाषा पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगी।
बैंस ने ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा कि वे सीबीएसई की नई परीक्षा पैटर्न योजना पर कड़ी आपत्ति जताते हैं, जिसके तहत पंजाबी को मिटाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाबी भाषा पर किसी भी तरह का हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
हालांकि, सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि विषयों की सूची में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा, “वर्तमान में प्रस्तावित विषयों की सूची में कोई बदलाव नहीं किया गया है। मसौदा नीति में दी गई सूची सांकेतिक है। वर्तमान में प्रस्तावित सभी विषय कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में दोनों चरणों में जारी रहेंगे।”
मसौदा मानदंडों के अनुसार, कक्षा 10 के छात्र 2026 से एक शैक्षणिक सत्र में दो बार सीबीएसई बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे या दोनों में से एक का चयन कर सकेंगे। पहला चरण 17 फरवरी से 6 मार्च तक तथा दूसरा चरण 5 से 20 मई के बीच आयोजित किया जाएगा।
परीक्षार्थियों के पास दोनों चरणों में परीक्षा का विकल्प भी होगा। इसके अतिरिक्त, छात्रों को दूसरे प्रयास में विशिष्ट विषयों को छोड़ने की अनुमति दी जाएगी, अगर वे पहले चरण में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट हैं। वे पहले चरण में भी विशेष विषयों को छोड़ सकते हैं।
सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि इस प्रणाली के तहत कोई अलग से पूरक परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। इसके बजाय, दूसरा चरण उन छात्रों के लिए पूरक परीक्षा के रूप में काम करेगा जो अपने स्कोर में सुधार करना चाहते हैं।