राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की मशहूर सुंदर नर्सरी, हुमायूं का ऐतिहासिक मकबरा और हैदराबाद के कुतुब शाही मकबरे को खस्ताहाली से निकाल कर नई जिंदगी देने वाले आगा खान चतुर्थ नहीं रहे। मंगलवार को पुर्तगाल के लिस्बन में 88 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। इस्माइल मुस्लिमों के आध्यात्मिक नेता आगा खान चतुर्थ विकास के कामों के लिए दुनिया भर जाने जाते थे।
अरबपति आध्यात्मिक नेता आगा खान चतुर्थ की परोपकारी शख्सियत विकासशील देशों में घरों, अस्पतालों और स्कूलों के रूप में सामने आती रही है। उनके आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर की मदद से भारत समेत कई देशों की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण मुमकिन हो सका है। आगा खान चतुर्थ का नेटवर्ट 30 देशों में विकास कार्यों में जुटा है। नेटवर्क में करीब एक लाख लोग काम करते हैं। आगा खान चतुर्थ के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जताया।
पीएम ने ट्वीट किया, “महामहिम शहजादे करीम आगा खान चतुर्थ के निधन से गहरा दुख हुआ है। वे ऐसे दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना जीवन सेवा और आध्यात्मिकता को समर्पित कर दिया। स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में उनका योगदान लोगों को सदा प्रेरित करता रहेगा।”