आम आदमी पार्टी ने दिल्ली हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि केंद्र सरकार को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को राजधानी में एक आवास आवंटित करने का निर्देश दिया जाए। एएपी की ओर से कोर्ट में पक्ष रख रहे सीनियर वकील ने कहा कि इस संबंध में जारी दिशानिर्देश के मुताबिक किसी राष्ट्रीय राजनैतिक दल के अध्यक्ष को दिल्ली में आवास का अधिकार है और इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल को आवास आवंटित किया जाना चाहिए।
जस्टिस संजीव नरूला ने याचिका पर केंद्र का रुख पूछा और इसे 26 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। एएपी के वकील ने कहा कि केजरीवाल को आवास के आवंटन के लिए 20 सितंबर को संबंधित अधिकारियों को एक पत्र भेजा गया था और उन्हें एक और पत्र भेजकर इस बारे में याद भी दिलाया गया।
राजनैतिक दलों को सामान्य पूल से आवास आवंटन के लिए दिशानिर्देशों के मुताबिक, मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दलों को लाइसेंस फीस का भुगतान करके अपने कार्यालय इस्तेमाल के लिए दिल्ली में सामान्य पूल से एक आवासीय इकाई का आवंटन कराने की अनुमति है। इस प्रावधान के हिसाब से हाई कोर्ट ने पांच जून को व्यवस्था दी थी कि एएपी को राष्ट्रीय राजधानी में दूसरे राष्ट्रीय राजनैतिक दलों की तरह पार्टी कार्यालय के लिए जगह पाने का अधिकार है।
कोर्ट ने बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर फैसला करने को कहा। इसके बाद एएपी को लुटियंस दिल्ली में पंडित रविशंकर शुक्ला लेन में एक नया कार्यालय आवंटित किया गया। दिशानिर्देशों में ये भी कहा गया है कि मामले में किसी मान्यताप्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दल के अध्यक्ष को आवास आवंटन किया जाएगा, अगर उनके पास दिल्ली में अपना कोई आवास नहीं है या सरकार ने अन्य किसी नाते उन्हें आवंटित नहीं किया है।
केजरीवाल ने चार अक्टूबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद छह, फ्लैगस्टाफ रोड का बंगला खाली कर दिया था और मंडी हाउस के पास एक पार्टी सांसद के आधिकारिक आवास में आकर रहने लगे। जुड़े मामले में अंतरिम जमानत दी गई थी।
AAP ने केजरीवाल को दिल्ली में आवास आवंटन के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
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