मेरठ में के एक निजी MIT कॉलेज में उस समय हंगामा हो गया जब वहां हो रहे एक सेमिनार में तुर्किये से एक महिला के आने की सूचना मिली। जिसके बाद वहां एक संगठन के कार्यकर्ता पहुंचे और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। हालांकि कालेज प्रशासन की ओर से बताया गया कि कार्यक्रम पहले से तय था जहां चार देशों के लोग सेमिनार में हिस्सा लेने के लिए आने थे लेकिन तुर्किये से आई महिला मेहमान को यहां नहीं बुलाया गया। इसके बाद हंगामा करके लोग वापस लौट गए।
आपको बता दें मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र के एक निजी एमआईटी कॉलेज का है जहां शुक्रवार को एक दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा था। जिसमें जर्मनी, जापान, साबिर्या और तुर्किये से प्रतिनिधि आने थे। इसी बीच हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्किये ने पाकिस्तान का साथ दिया इसके बाद तुर्किये का विरोध हो रहा है। वहीं ये खबर भारतीय किसान मंच के कार्यकर्ता को मिली तो वहां संगठन के कार्यकर्ता कॉलेज में इकट्ठा हो गए और उन्होंने जमकर नारेबाजी की। हाथों में बॉयकॉट तुर्की और बॉयकॉट पाकिस्तान के पोस्टर लेकर नारेबाजी की और काले झंडे दिखाए।
बताया जा रहा है कि तुर्किये से अयनूर शाहीन को एमआईटी कॉलेज में इनोवेशन एंड स्किल एनहेंसमेन्ट ट्रेनिंग के कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में बुलाया गया था। लेकिन जब इसकी भनक भारतीय किसान मंच के कार्यकर्ताओं को लगी तो सभी कार्यकर्ता कॉलेज पहुँच गए और उन्होंने वहां कॉलेज प्रबंधन से शिकायत की। इसके बाद उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर नारेबाजी की।
इस दौरान कॉलेज प्रबंधन बैकफुट पर आ गया और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को बताया कि कार्यक्रम पहले से तय था और तुर्किये से जो मक्का आनी थी उनको यहां नहीं बुलाया गया है, साथ ही खेद प्रकट किया। वहीं विरोध प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि देश विरोधी ताकतों के लोगो का जिस तरह से भारत बुलाकर उनका सम्मान किया जा जा रहा है उसे कतई बर्दाश्त नही किया जायेगा। इस तरह के कृत्यों जा खुले मंच से विरोध किया जायेगा। वहीं आननफानन में कॉलेज प्रबंधन ने कार्यक्रम के पोस्टरों को भी उतार फेंका। सूचना पर मौके पर पुलिस पहुँच गई और जैसे तैसे कार्यकर्ताओं को समझ कर वापस भेजा गया।
वहीं कॉलेज प्रशासन ने बताया कि ’एमआईटी में जारी अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में जर्मनी, जापान और सर्बिया देशों के शिक्षाविदों ने भाग लिया। तुर्की से एक प्रतिनिधि की सहभागिता की जानकारी मिलते ही, राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए तत्काल प्रभाव से उनकी भागीदारी रद्द कर दी गई। संस्थान भारत की विदेश नीति का सम्मान करते हुए तुर्की के प्रति घोषित बहिष्कार का पूर्ण समर्थन करता है।
कॉलेज के प्रेस प्रवक्ता अजय चौधरी ने बयान जारी कर बताया कि आज कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमें चार से पांच देशों के मेहमान शामिल होने थे। एक तुर्किये से भी महिला शिक्षाविद शामिल होने की जानकारी मिली तो हमने फिर उनको यहां आने से मना कर दिया और वह यहां नहीं आई।