मेरठ में स्टांप घोटाले का आरोपी अधिवक्ता विशाल वर्मा पर एसएसपी ने 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें दबिश दे रही हैं। आपको बता दे तीन साल के बैनामों की जांच में अब तक 997 फर्जी स्टांप के बैनामे आ चुके हैं सामने। 7.20 करोड़ की स्टांप ड्यूटी की चोरी हुई है। ये सारे बैनामे अधिवक्ता विशाल वर्मा ने फर्जी स्टांप लगाकर करवाए थे। विशाल वर्मा के खिलाफ मेरठ व्यापार मंडल के पदाधिकारी जीतू सिंह नागपाल और शैंकी वर्मा लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
जिसके बाद डीएम और एसएसपी से भी मामले की शिकायत की जा चुकी है। इस मामले में एसएसपी डाॅ. विपिन ताडा के आदेश पर सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। व्यापारियों की मांग पर इसके लिए एसआईटी टीम का गठन किया जा चुका है।
जहां विशाल अधिकारियों के साथ मिलकर पार्टी करता था। अधिकारियों को महंगे गिफ्ट दिए जाते थे। कोषागार और रजिस्ट्री कार्यालय तक उसका बड़ा नेटवर्क है। करोड़ों रुपये के फर्जी स्टांप बेचकर आरोपी ने मेरठ, उत्तराखंड में संपत्ति खरीदी है। जिसको जब्त करके रिकवरी करने की तैयारी जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है। शासन द्वारा गठित एसआईटी की जांच में भी कई बड़े लोगों के नाम स्टांप घोटाले में खुल सकते हैं।
वहीं मेरठ व्यापार मंडल के पदाधिकारी और पीड़ित व्यापारी स्टांप घोटाले को लेकर जिला अध्यक्ष जीतू नागपाल और महानगर अध्यक्ष शैंकी वर्मा के नेतृत्व में चीफ ट्रेजरी ऑफिसर का घेराव करेंगे। जीतू नागपाल ने बताया कि दो वर्ष पूर्व तैनात रहे सब रजिस्ट्रार और अधिवक्ता विशाल वर्मा ने कई अधिकारियों के साथ मिलकर घोटाले को अंजाम दिया।