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मेरठ में रिटायर्ड महिला टीचर को डिजिटल अरेस्ट कर 9 लाख की ठगी

मेरठ में रिटायर महिला टीचर अंजू सिंघल के साथ फ्रॉड हुआ है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की धमकी देकर 9 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। किसी से बात करने या मिलने पर जेल भेजने की धमकी दी। डर के चलते महिला ने बैंक, एफडी और पोस्ट ऑफिस से सारी जमा पूंजी निकालकर 9,07,976 रुपये ठगों के अकाउंट में डाल दिए। महिला की तरफ से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। 

वहीं इस पूरे मामले में एसपी क्राइम अवनीश कुमार का कहना है कि बैंक अकाउंट फ्रीज कराने के लिए रिपोर्ट भेजी गई है।

आपको बता दे रेलवे रोड थाना क्षेत्र की न्यू प्रेमपुरी निवासी रिटायर्ड टीचर अंजू सिंघल ने रिपोर्ट में कहा है कि 29 नवंबर की सुबह 9 बजे उनके मोबाइल पर कॉल आई। बात करने वाले ने खुद को ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का अधिकारी चिराग ठाकुर बताया। उसने कहा कि आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की रिपोर्ट दर्ज हुई है। आपकी आईडी पर हरियाणा के गुरुग्राम से मोबाइल सिम लेकर उसे मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किया गया। इसके चलते आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है।

इसके बाद अंजू को बताया कि अभी आपको हरियाणा पुलिस के सीनियर अफसर रणबीर सिंह से कॉल करेंगे। कुछ देर में अंजू के मोबाइल पर वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को रणबीर सिंह बताया। वो पुलिस की वर्दी में था। कुछ पर्सनल बातें पूछने के बाद उसने कॉल एसआई अनुराग चहल को ट्रांसफर करने को कहा। अनुराग चहल उन्हें कॉल और मेसेज करता रहा। इसके बाद उसने अपने सीनियर ऑफिसर रघुनाथ पांडे से उनकी वीडियो कॉल पर बात कराई।

जिसके बाद रघुनाथ पांडे ने कहा कि आपका नाम नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है। आपको सारा बैंक बैलेंस और एफडी आदि रकम हमें ट्रांसफर करनी होगी। जांच करने के बाद सारी रकम आपके खाते में वापस भेज दी जाएगी। आपकी एफडी समय से पहले टूटेगी तो उसका हर्जाना आरबीआई भरेगा। साढ़े तीन मिनट तक वो अंजू सिंघल से वीडियो कॉल पर बात करता रहा। आरोपियों ने व्हाट्सएप पर उन्हें दो लैटर भेजे। एक में केस से जुड़ी जानकारी और दूसरे में कॉन्फिडेन्शल एग्रीमेंट था।

जहां केस के बारे में कुछ बताने पर जेल भेजने की चेतावनी लिखी थी। अंजू को हर दो घंटे में सेल्फी भेजने को कहा गया। ऐसे नहीं करने पर जेल भेजने की धमकी दी जाती रही। साइबर ठगों की बातों से अंजू बेहद डर गईं।

29 नवंबर को वह एसबीआई की सदर शाखा गईं और ठगों द्बारा दिए गए अकाउंट में 1,17,913 रुपये ट्रांसफर कर दिए। ठग उनको लगातार डराते रहे। दूसरे दिन अंजू ने बैंक जाकर अपनी एफडी तुड़वाकर 3,50,023 रुपये ट्रांसफर कर दिए। एक दिसंबर को रविवार था। साइबर ठग उनको लगातार वीडियो कॉल करते रहे। धमकाते रहे कि जो भी अकाउंट में रुपये हैं, सब हमें भेज दो। जांच के बाद वापस मिल जाएंगे। 2 दिसंबर को अंजू सिंघल आबूलेन स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा गईं। वहां से अपनी दूसरी एफडी तुड़वाकर 1,40,017 रुपये ट्रांसफर कर दिए। पोस्ट ऑफिस में 3,00,023 रुपये थे। 3 दिसंबर को वह पोस्ट ऑफिस नहीं जा सकीं।

एफडी तुड़वाकर वो रुपये भी कर दिए ट्रांसफर
4 दिसंबर को पोस्ट ऑफिस गईं और एमआईएस पॉलिसी तुड़वाकर बैंक अकाउंट में रुपये जमा कर दिए। बैंक अकाउंट में रुपये आने में 3 दिन लग गए। इस बीच साइबर ठग उनको धमकाते रहे। 7 दिसंबर को उन्होंने बैंक जाकर 3,00,023 रुपये बताए गए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। 8 दिसंबर को साइबर ठगों ने कॉल करके कहा कि रविवार होने के कारण आगे की कार्रवाई अभी नहीं हो पाएगी। इसके बाद एक ठग उनको लगातार मैसेज करता रहा। इसके बाद अंजू सिंघल को अहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हो रही है। अंजू सिंघल ने साइबर क्राइम हेल्प लाइन पर कॉल किया लेकिन बात नहीं हो पाई। अंजू सिंघल की तरफ से साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।