New Delhi: मणिपुर में पिछले साल जातीय हिंसा भड़कने के बाद पहली बार मैतेई, कुकी और नगा समुदायों के कई विधायक गृह मंत्रालय की निगरानी में मंगलवार को नई दिल्ली में संयुक्त बैठक करेंगे। अधिकारियों ने ये जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली बैठक में तीन नगा विधायक शामिल होंगे जबकि अभी ये साफ नहीं है कि मैतेई और कुकी समुदायों के कितने विधायक इसमें भाग लेंगे।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह बातचीत संघर्षरत समुदायों के बीच संवाद शुरू करने और संकट का समाधान निकालने के केंद्र के प्रयासों का हिस्सा है।’’ मणिपुर में मई 2023 में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘‘नगा समुदाय की ओर से तीन विधायक अवांगबोउ न्यूमाई, एल दीखो और राम मुइवा नई दिल्ली में बैठक में शामिल होंगे। मुइवा अभी एक निजी मामले को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद हैं।’’ ये तीनों विधायक राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी के सहयोगी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के हैं। कई बीजेपी विधायक भी इंफाल से अलग-अलग उड़ानों से राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हुए।
जल संसाधन मंत्री न्यूमाई ने कहा, ‘‘हमें कुछ बातों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली आने को कहा गया है। मुझे अभी वास्तविक एजेंडा नहीं पता। हम शांति लाने के सभी तरीकों पर विचार कर रहे हैं।’’ एनपीएफ के विधायक एल दीखो ने कहा कि मणिपुर में तब तक शांति लाना मुश्किल है, जब तक सभी समुदायों और लोगों को शामिल नहीं किया जाता।
उन्होंने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय की पहल बहुत अच्छा संकेत है और मुझे इससे बहुत उम्मीदें हैं। मैं इस बैठक में भाग लेना चाहूंगा और देखना चाहूंगा कि हम इस पहल को लेकर कितनी दूर तक जा सकते हैं।’’
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के. मेघचंद्र ने कहा कि समाधान निकालने का कोई भी प्रयास अच्छाो होता है लेकिन इसमें विपक्षी पार्टी को शामिल नहीं किया गया। किसी अन्य वजह से खुद भी नई दिल्ली रवाना हुए मेघचंद्र ने कहा, ‘‘हालांकि, अगर परिणाम सकारात्मक आता है तो यह पूरे मणिपुर की जनता के लिए अच्छा होगा। लेकिन हिंसा को देखते हुए (बैठक में) विपक्ष की भागीदारी भी जरूरी है।’’
विधानसभा अध्यक्ष टी सत्यब्रत भी रविवार को दिल्ली रवाना हुए थे। मणिपुर में कुकी-जो आदिवासियों के प्रमुख संगठन ‘इंडिजीनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) ने कहा कि बैठक के एजेंडे पर समुदाय के भीतर सकारात्मक वार्ता होनी चाहिए। आईटीएलएफ के महासचिव मुआन टोंबिंग ने कहा, ‘‘विधायकों ने किसी सामाजिक संगठन को बैठक के बारे में सूचना नहीं दी। उन्हें इस तरह की अहम बैठक के बारे में बताया जाना चाहिए था।’