Noida: कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस ने साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिले में व्यापक स्तर पर जागरूकता और कार्रवाई की दोहरी रणनीति लागू की है। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में चल रहा यह अभियान अब प्रदेश के सबसे प्रभावी साइबर कंट्रोल मॉडल के रूप में उभर रहा है।
‘साइबर जागृत भारत’ अभियान के तहत साइबर क्राइम पुलिस ने अब तक ऑनलाइन माध्यम से 2 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को जोड़ा और उन्हें साइबर हाइजीन, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट, फिशिंग, सोशल मीडिया अपराध और अन्य ऑनलाइन जोखिमों से बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। स्कूलों और कॉलेजों में आयोजित जागरूकता कार्यक्रमों में विद्यार्थियों और शिक्षकों को परिवार और समुदाय को भी जागरूक करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
इसके अलावा साइबर जागरूकता प्रतियोगिताओं में जिले के विभिन्न विद्यालयों के छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पोस्टर, थीम-आधारित प्रस्तुति और लेखन प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित भी किया गया। इसी क्रम में आरडब्ल्यूए कॉलोनियों के लगभग 3 लाख नागरिकों और विभिन्न व्यावसायिक संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों को भी विशेष अभियानों के माध्यम से जागरूक किया गया।
साइबर वॉलंटियर और साइबर इन्फ्लुएंसर तैयार कर नुक्कड़ नाटक तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म—ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम—पर लगातार जागरूकता संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। कमिश्नरेट साइबर पुलिस ने पहली बार 10 दिवसीय ‘साइबर कहानी’ श्रृंखला भी प्रिंट मीडिया में प्रकाशित कराई, जिसे बेहद सराहना मिली।
अक्टूबर 2023 से नवंबर 2025 के बीच गौतमबुद्धनगर साइबर पुलिस ने 2,073 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। करीब 51.85 करोड़ रुपये की रकम अपराधियों के खातों में फ्रीज कराई गई और 31.67 करोड़ रुपये की राशि पीड़ितों को सफलतापूर्वक वापस दिलाई गई। इसके अलावा 4,401 मोबाइल नंबर और 453 IMEI नंबर भी ब्लॉक किए गए।
डीसीपी नार्कोटिक्स शैव्या गोयल का कहना है कि साइबर अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति भविष्य में भी जारी रहेगी और तकनीकी दक्षता के साथ जन-जागरूकता को और मजबूत किया जाएगा।