वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश के बरेली में पहली बड़ी कार्रवाई बरेली पुलिस ने की है। सीबीगंज थाना क्षेत्र के सारनिया गांव में एक फर्जी वक्फ ट्रस्ट बनाकर 3 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा करने के मामले में 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जमीन को कब्रिस्तान बताकर कब्जा किया गया था, जहां बाद में दरगाह बनाकर झाड़-फूंक और चंदा वसूली का धंधा चल रहा था।
शिकायतकर्ता पुत्तन शाह ने एसएसपी अनुराग आर्य से शिकायत की थी कि गांव के ही सब्जे अली ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया और एक फकीर सैय्यद हामिद हसन के नाम पर कब्र बनाकर दरगाह का रूप दे दिया। बाद में इसी जमीन पर पक्का निर्माण कर झाड़-फूंक और चंदा वसूली शुरू कर दी गई।
गौरतलब है कि 24 नवंबर 2020 को सैय्यद हामिद हसन दरगाह चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम से रजिस्ट्रेशन कराकर इसे वक्फ संपत्ति बताया गया था। जांच के दौरान राजस्व विभाग ने स्पष्ट किया कि विवादित जमीन सरकारी है। इसके बाद एसएसपी अनुराग आर्य के आदेश पर सीबीगंज थाने में बुधवार को FIR दर्ज की गई।
मुकदमे में सब्जे अली, उनकी पत्नी जकीरा, बेटियां फरहानाज, गुलनाज, शना जाफरी, राहिला जाफरी और मास्टरमाइंड मनीष कुमार सहित 11 लोगों को नामजद किया गया है। पुलिस ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने फर्जी ट्रस्ट बनाकर करोड़ों की जमीन कब्जा की और झूठे दस्तावेजों के सहारे इसे वक्फ संपत्ति घोषित करवा लिया।
वहीं एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया की राजस्व रिकॉर्ड में जमीन सरकारी पाई गई, जिसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। वक्फ संशोधन कानून के तहत यूपी में यह पहली कार्रवाई है।